Wednesday, May 23, 2018

फैशन शो के माध्यम से "विदेशी छोडो-देसी अपनाओ" का दिया सन्देश

 
दिल्ली में पीएफटीआई के छात्रों द्वारा एक फैशन शो का आयोजन किया गया, इस कार्यक्रम का आयोजन समाज में फैली कुरीतियां, अंधविश्वास व विदेशी छोडो देसी अपनाओ को उजागर कर उनका समाधान करना था, छात्रों ने बड़ी ही ख़ूबसूरती से कार्यक्रम को अंजाम दिया और मंच पर चार चाँद लगाए, फैशन शो में भारतीय संस्कृति साफ़ साफ़ झलक रही थी मानो ज़मीन पर स्वर्ग की अप्सराएं उतर आयी हो, फैशन शो में विजयी रहे: लड़कों में निखिल प्रथम स्थान पर, हिमांशु दूसरे स्थान पर और रॉकी तीसरे स्थान पर रहे, वहीं लड़कियों में सुरभि प्रथम स्थान पर, अलीशा दूसरे स्थान पर और कनिका तीसरे स्थान पर रही. फैशन शो को कोरियोग्राफ किया था कोरियोग्राफर रौनक चंचल ने, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की भूमिका सीनियर जर्नलिस्ट श्री दयानन्द वत्स जी व फिल्म निर्माता-निर्देशक अजय शास्त्री जी और जर्नलिस्ट शिवानी जलोटा ने निभाई. कार्यक्रम बहुत ही मनमोहक और संदेशात्मक रहा. कार्यक्रम के आयोजक थे डीके भरद्वाज और कार्यक्रम को प्रस्तुत किया था पदार्पण फिल्म एंड टीवी इंस्टिट्यूट ने.

कार्यक्रम में छात्रों के अभिभावक अपने बच्चों को रैंप पर चलते देख बहुत ही उत्साहित नजर आ रहे थे प्रत्येक परफ़ॉर्मर के लिए हाल में तांलिया गूँज उठती थी. कार्यक्रम इतना जबरदस्त था कि हर कोई एन्जॉय कर रहा था.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जर्नलिस्ट दयानन्द वत्स जी ने बच्चों को पत्रकारिता के बारे में जागरूक किया, वत्स जी पत्रकारिता में लगभग 35 वर्षों से कार्यरत है, वहीं फिल्म निर्माता-निर्देशक अजय शास्त्री जी ने कहा कि ग्लैमर से भरी इस दुनिया में पश्चिमी सभ्यता हम पर हावी होती जा रही है और हम अपनी सभ्यता को भूलते जा रहे है, वहां पर अपनी सभ्यता को मंच पर दर्शाना बहुत ही कठिन होता है क्योंकि आजकल हर कोई पश्चिमी सभ्यता में लिप्त होता जा रहा है. ऐसे माहौल में अपनी सभ्यता को मंच के माध्यम से देश और दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचना बहुत ही साहस भरा कार्य है जिसके लिए दीपक भारद्वाज बधाई के पात्र है क्योंकि इन्होने इस तरह का चैलेंज स्वीकार करके इसको अंजाम देने में लगे है.

पीएफटीआई के डायरेक्टर दीपक भरद्वाज का भी ये ही मानना है कि भले ही हमारा इंस्टिट्यूट फ़िल्मी है मगर हम अपने बच्चों को अपनी सभ्यता व संस्कृति के बारे में नहीं बताएंगे तो उनको कैसे पता चलेगा ? हमारे बच्चे तो जो आज देख रहे है वो तो वैसा ही कर रहे है, लेकिन जब हमारे बच्चे विदेशी लोगो को हमारी सभ्यता में लिप्त देखते है तो उनके मन में ये सवाल आता है कि जब हमारी सभ्यता इतनी अच्छी है कि विदेशी लोग भी हमारी सभ्यता को अपना रहे है तो हम क्यों छोड़ते जा रहे है अपनी सभ्यता को ? हम क्यों अपना रहे है पश्चिमी सभ्यता को ? इन्ही कुछ सवालों को दिमाग में रखकर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जो आप सभी के आशीर्वाद से सफल रहा.इस मौके पर जर्नलिस्ट अजित के साथ बच्चों के अभिभावक भी मौजूद रहे।

No comments:

Post a Comment

Thanks for sharing your views....

 
How to Configure Numbered Page Navigation After installing, you might want to change these default settings: