एक्टिंग से ज्यादा चुनौती है काॅस्टिंग में - राकेश यादव

-प्रेमबाबू शर्मा

‘एम एस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी‘ की सफलता के बाद चर्चा में आए फिल्म के एसोसिएट काॅस्टिंग डायरेक्टर राकेश यादव अब मुड़कर पीछे नहीं देखना चाहते हैं। ऐसा नहीं कि यह उनकी पहली हिट हो। इससे पहले भी वह ‘प्यार का पंचनामा टू‘, ‘एयर लिफ्ट‘, ‘दृश्यम‘ और ‘बेवी‘ जैसी हिट फिल्मों का हिस्सा रह चुके हैं। दरअसल राकेश मशहूर काॅस्टिंग डायरेक्टर विकी सिदाना की टीम के साथ लम्बे समय से जुड़े हैं। उन्हीं के अन्डर में राकेश ने काॅस्टिंग से जुड़ी बारीकियों को सीखा।

राकेश दिल्ली के रहने वाले हैं। उनकी बेसिक एजुकेशन रामजस स्कूल से हुई। दोस्तों की सलाह पर उन्होंने मण्डी हाउस में थिएटर ज्वांइन किया। पूरे तीन साल थिएटर में पसीना बहाने के बाद उन्होंने बाॅलीबुड का रूख किया। राकेश मानते हैं कि चमक धमक भरी रूपहले पर्दे की इस दुनिया में उन्हें अच्छा खासा स्ट्रगल करना पड़ा।

खैर, अब तो वह इतना आगे बढ़ गए हैं कि खुद इंडिपिडेंट की काॅस्टिंग का काम संभालने लगे हैं। राकेश अपनी सफलता का क्रेडिट अपने बड़े भाई को देते हैं। जिन्होंने स्ट्रगल के उस दौर में उन्हें सपोर्ट किया। हाल ही में राकेश अपनी फैमिली से मिलने दिल्ली आए थे। इसी दौरान हमारी उनसे मुलाकात हुई।

- एम. एस. धोनी द अनटोल्ड स्टोरी की काॅस्टिंग टीम में आप कैसे शामिल हुए?
- दरअसल में काॅस्टिंग डायरेक्टर विकी सिदाना की टीम के साथ पिछले काफी समय से जुड़ा हूँ। चूंकि हमारी टीम पहले ही कई हिट फिल्मों के लिए काॅस्टिंग कर चुकी थी। इसलिए एम.एस. धोनी द ........ की काॅस्टिंग की जिम्मेदारी हमारी टीम को मिली।

- अब जब फिल्म हिट हो गई है तो आप कैसा महसूस कर रहे हैं?
- देखिए, सफलता हमेशा खुशियां लेकर आती है। हम यही चाहते हैं कि जिस फिल्म का हिस्सा बनें, वह हिट हो। काॅस्टिंग का काम चुनौती भरा होता है। किसे सलेक्ट करें और किसे रिजेक्ट? एक काॅस्टिंग डायरेक्टर की बड़ी परीक्षा यहीं पर होती है। मुझे खुशी है कि इस फिल्म के लिए हमने अच्छी काॅस्टिंग की। अब लोग मुझे पहले से ज्यादा जानने लगे हैं। खूब सारी बधाइयां मिल रही हैं। चर्चा में आ गया हूँ मैं।

- इससे पहले आपने किस फिल्म की काॅस्टिंग की थी?
- एक दो नहीं, हम कई फिल्मों की काॅस्टिंग कर चुके हैं। हमारी टीम ‘दृश्यम‘, ‘बेवी‘, एयर लिफ्ट‘, ‘प्रेम रतन धन पायो‘ और ‘प्यार का पंचनामा टू‘ जैसी और भी अनगिनत फिल्मों की काॅस्टिंग कर चुकी है। काॅस्टिंग के काम में चैलेंज यह है कि परफेक्ट कलाकारों का चयन करना पड़ना है। जिसके लिए दस-दस बार आॅडिशन लेने पड़ते हैं।

- आपके काॅस्टिंग में ही कैरियर क्यों चुना?
- सच बताऊं तो मैं इस प्रोफेशन में एक्टिंग करने आया था। शुरूआत में मैंने कई फिल्मों में छोटे रोल किए। ‘दृश्यम‘ में तो मेरा रोल काॅफी बड़ा था। एक्टिंग के दौरान बस एक ही कमी खलती थी कि जो मैं सोच कर आया था उस तरह का काम नहीं मिला। मैं इंडस्ट्री में टिका रहना चाहता था इसलिए काॅस्टिंग का काम शुरू कर दिया। काॅस्टिंग में मेरी बढ़ती रूचि को देखते हुए फ्रेंडस और सीनियर्स ने सलाह दी कि तुम यहां बेहतर कर सकते हो।

- क्या आप शुरू से इस प्रोफेशन में आना चाहते थे?
- बिल्कुल नहीं, मुझे न तो हीरो बनने का शौक था और न ही एक्टिंग में मेरी कोई रूचि थी। काॅलेज की पढ़ाई के दौरान फ्रेंडस के साथ थिएटर में नाटक देखना शुरू किया। स्टेज पर कलाकारों को देखकर अहसास हुआ कि मैं भी एक्टिंग कर सकता हूँ। मैं खुश नसीब हूँ कि मेरी फैमिली ने मुझे काफी सपोर्ट किया। आज मैं जो भी हूँ फैमिली की बदौलत ही हूँ।

- आप काॅस्टिंग मूवीज के लिए ही कर रहे हैं या टी वी सीरियलों के लिए भी?
- फिल्मों में ही इतना ज्यादा काम है कि अभी टी वी सीरियल के लिए सोचने का मौका ही नहीं मिला। हाँ, अगर आगे कभी ऐसा प्राॅजेक्ट मिलता है तो जरूर करेंगे। वैसे अब मैं अपना काम इंडिपिडेंट भी करने लगा हूँ। कई ऐसे प्राॅजेक्ट हैं जिन्हें मैं अकेले ही हेंडल कर रहा हूँ।

- सुना है आप एड फिल्मों की काॅस्टिंग भी करते हैं?
- हाँ एड फिल्मों की काॅस्टिंग का काफी काम आता है हमारे पास लक्मे फेस वाॅश, एन ए सी ज्वेलरी, अपना घर और आई पी एल हाॅट स्टार जैसी अनगिनत एड की काॅस्टिंग की है हमने।

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