सौदर्य में ऐलोवेरा का महत्व

 शहनाज हुसैन

ऐलोवेरा सामान्यत बगीचों तथा घरों में अकसर देखने में मिलता है। वास्तव में यह गमलों में आसानी से उगता है। इसे संस्कृत में घृतकुमारी के नाम से जाना जाता है। इसे प्राचीन समय से ही स्वास्थ्यप्रद गुणों के लिए जाना जाता है तथा यह आर्युवैद का अभिन्न अंग माना जाता हैं। शुष्क मौसम में ऐलोवेरा द्वारा त्वचा तथा बालों की देखभाल काफी लाभदायक मानी जाती है।
ऐलोवेरा के पौधे में आर्द्रता रोेकने की भरपूर क्षमता होती है। यह ताकतवर प्राकृतिक माॅइस्चराइजर माना जाता है तथा आर्द्रता को रोकने में कार्य करता है। यह त्वचा की मृत कोशिकाओं को मुलायम बनाता है तथा उन्हें हटानें में मदद करता है जिससे त्वचा कोमल तथा चमकदार बनती है।
वास्तव में ऐलोवेरा त्वचा में आर्द्रता की क्षमता को बनाए रखने में मदद करता है। जिससे त्वचा सामान्य रूप से कार्य करती है। ऐलोवेरा अस्ट्रिन्जन्ट क्रिया करके त्वचा को कसकर बांध देता है जिससे समय से पूर्व झूर्रियां नहीं आती तथा बूढापे को रोकने में मददगार साबित होता है। इसकी आर्द्रता, मुलायमपन, शांतिदायक तथा उपराचात्मक गुणों की वजह से यह सूर्य की गर्मी से प्रभावित त्वचा को सामान्य बनाने में प्रभावशाली परिणाम दिखाता है।
ऐलोवेरा में एंटी आॅक्सीडेंट गुण विद्यमान होते हैं जोकि त्वचा की कोशिकाओं के नवीकरण की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करती है। ऐलोवेरा के उत्पादो के लगातार प्रयोग से त्वचा पर उम्र के प्रभाव केा कम करने में मदद मिलती है तथा झुर्रियों आदि को रोकने में प्रभावी होते है।
ऐलोवेरा जैल एक नई वास्तविक खोज साबित हुआ है। यह विभिन्न प्रकार की त्वचा के सौंदर्य प्रसाधनों के लिए उपयोगी घटक के रूप में प्रयोग किया जा सकता है, ऐलोवेरा न केलव त्वचा के स्वास्थ्य में सहायक है बल्कि त्वचा की नई कोशिकाओं की उत्पत्ति में भी सहायक होता है एवं त्वचा के विभिन्न रोगों का उपचार करता है तथा सामान्य प्रसाधन सामग्री में भी मदद साबित होता है। ऐलोवेरा को कलीनजर, माइस्चराइजर जैसे सौन्दर्य प्रसाधनों में मुख्य घटक के रूप में प्रयोग किया जाता है।
ऐलोवेरा को घरेलू उपचार के तौर पर भी प्रयोग किया जा सकता है ऐलोवेरा जैल या जूस को त्वचा पर सीधा अप्लाई किया जा सकता है। पौधे से निकाला गया जैल पत्ते की लुगदी होती है तथा पत्तियों के अन्दरूनी हिस्सों में पाई जाती है। पत्तियों के बाहरी भाग के नीचे से ऐलो जूस निकाला जाता है। ऐलोवेरा को घरेलू उपचार के तोर पर प्रयोग करने में पहले पोैधे को पूरी तरह धो लेना चाहिए तथा पूरी स्वच्छता का ध्यान देना चाहिए।
ऐलोवेरा जूस या जैल को प्रतिदिन चेहरे पर 20 मिनट तक लगाकर साफ ताजे पानी से धो डालना चाहिए। यह त्वचा को मुलायम तथा आर्द्रता बनाए रखने में मदद करता है। यदि इसका नियमित रूप से सेवन किया जाए तो यह त्वचा के यौवन को बरकरार रखने में मददगार साबित होता है।
ऐलोवेरा सर्दियों में विशेष रूप से लाभदायक साबित होता है क्योंकि यह त्वचा के रूखेपन को दूर करके त्वचा को मुलायम संरचना को बरकरार रखता है। यह सूर्य की गर्मी से प्रभावित त्वचा को शंात करने में भी मदद प्रदान करता है। यह त्वचा को तैलीय बनाए बगैर त्वचा में नमी को बनाए रखने में मदद प्रदान करता है।
ऐलोवेरा का जूस सूजी हुई नसों के उपचार में भी मददगार साबित होता है। जूस को प्रभावित क्षेत्रा में सीधे लगाइए। यह त्वचा में धाव, संक्रमण आदि के उपचार में प्रभावी साबित होता है तथा त्वचा को कोमल तथा मुलायम बनाता है। ताजे ऐलोवेरा जैल के प्रयोग से त्वचा के बाहरी हिस्से के उपचार में मदद मिलती है तथा ऐलो वेरा पौधे में विद्यमान पौषक मिनरल जिक एंटी इनफलेमेटरी का कार्य करता है तथा त्वचा में सूजन को रोकता है।
ऐलोवेरा को फेसमास्क में भी उपयोग में लाया जा सकता है। एक चमच जेई या मुल्तानी मिट्टी, एक चम्मच संतरे की छाल का पाऊडर, दही तथा एक चम्मच ऐलोवेरा जैल मिलाकर इस मिश्रण को त्वचा पर 30 मिनट तक लगाकर त्वचा को धो डाले।
ऐलोवेरा को बालों को सुन्दरता में भी प्रयोग किया जा सकता है। जैल को बालों पर 20 मिनट तक लगाने के बाद धो डालें। उससे बाल मुलायम तथा चमकीले बन जाते है।
ऐलोवेरा को हेयर पैक में भी प्रयोग किया जा सकता है। ऐलोवेरा का क्लीनिजिंग पैक बनाने के लिए बेसन, दही तथा एक चम्मच ऐलोवेरा जैल को मिलाकर पेस्ट बनाकर बालों में लगा लीजिए तथा इस मिश्रण को आधा घंटे बाद धो डालिए।
यदि आपके बाल अत्यध्कि शुष्क, रूखे तथा नाजुक हो तो एक अण्डा, एक चम्मच अरंडी का तेल, नींबू जूस, तथा एक चम्मच ऐलोवेरा जैल को मिलाकर इस मिश्रण को बालों पर लगाकर सिर पर प्लास्टिक टोली पहन लीजिए तथा बालेां को आधा घंटा बाद ताजे स्वच्छ जल में धो डालिए।

लेखिका अन्र्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौन्दर्य विशेषज्ञ है तथा हर्बल क्वीन के नाम से लोकप्रिय है।

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