शिक्षा प्रणाली की कमियाँ को उजागर करने वाली फिल्म ‘रफबुक’


प्रेमबाबू शर्मा

भारतीय शिक्षा प्रणाली की कमियाँ को उजागर करने वाली फिल्म ‘रफबुक’की संकल्पना ऐरिका सिनेवकर््स द्वारा की गई। इस फिल्म के निर्देशक अनन्त नारायण महादेवन हैं तथा कलाकार के रूप में मुख्य भूमिकाओं में तनिष्ठा चटर्जी, अमान एफ खान, कैज़ाद कोतवाल एवं राम कपूर हैं। फिल्म के प्रदर्शन के बाद निर्देशक तथा कलाकारों के साथ-साथ निर्माता आकाश चैधरी भी श्री सिसौदिया के साथ अन्तर्दृष्टिपूर्ण संवाद का हिस्सा थे।
इस फिल्म को ह्यूस्टन भारतीय फिल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ फिल्म घोषित किया गया है और यह फिल्म डीएफ डब्ल्यू दक्षिणी ऐशियाई फिल्म महोत्सव में समापन रात्रि को दिखाये जाने के लिए चयनित की गई थी। इस फिल्म की वाशिंगटन डीसी,दक्षिणी ऐशियाई फिल्म महोत्सव में भी प्रशंसा हुई है, जहाँ इस फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ कहानी का पुरस्कार जीता है, साथ ही अनन्त नारायण महादेवन ने राजस्थान अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव जनवरी 2016 में रफ बुक के लिए, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का भी पुरस्कार जीता है।

अनन्त नारायण महादेवन, रफ बुक के निर्देशक ने फिल्म की समीक्षा करते हुए कहा कि ‘‘भारतीय शिक्षा प्रणाली में कईं कमियाँ हैं तथा इन कमियों की निन्दा किये बिना इन्हें सामने लाने के लिए यह एक साहसिक प्रयास किया गया है। रफ बुक एक शिक्षिका की कहानी है जो अपने विद्यार्थियों के लिए सिस्टम से लड़ती है तथा पाठ्य-पुस्तकों के परे भी निहित शिक्षा के उद्देश्य का महत्व सामने लाती है। नीरस पद्धतियों को रूचिकर बनाने की इस लड़ाई में उसे एक के बाद एक कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन वह तथा उसके विद्यार्थी हार नहीं मानते। केवल 92 मिनट लम्बी यह कथा अभिलाषी व नई है तथा अपने संदेश में बताती है कि ‘‘वास्तविक’’ शिक्षा हेतु आपको सीखने के लिए कक्षाओं से बाहर निकलने की आवश्यकता है।’’ 

ऐरिका सिनेवकर््स एक बूटिक प्रोडक्शन हाउस है जो वर्तमान में एक बूटस्ट्रैप वेंचर के रूप में कार्य कर रहा है। इसका ब्रान्ड संदेश थ्री सूत्र के आधार पर है जिसका उद्देश्य लोगों को शिक्षित, सामथ्र्यवान तथा मनोरंजन प्रदान करने वाले सिनेमा का निर्माण करना है। इसका एक स्पष्ट भावी कार्यक्रम है कि अगले पांच वर्षों में यह सम्पूर्ण विश्व के दर्शकों के लिए विभिन्न भाषाओं में अति महत्वपूर्ण फिल्मों का निर्माण करेगा। 

फिल्म की सफलता तथा इसकी सार्वभौमिक मांग का सच्चा प्रमाण इस तथ्य से है कि डलास तथा हृयूस्टन में स्क्रीनिंग के बाद इन क्षेत्रों मंे स्कूल तथा काॅलेजों के बच्चे फिल्म के कलाकारों तथा इसकी कहानी से जुड़ पाये। वितरकों तथा विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रधानाध्यापकों ने छात्रों व अभिभावकों के लिए ‘रफ बुक’ को पर्दे पर प्रदर्शित करने की इच्छा जाहिर की।

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