राजपूत संगठनों का 'पद्मावती' पर विरोध तेज

संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। कोलकाता में बीते दिनों दो राजपूत संगठनों की ओर से अलग-अलग पत्रकार सम्मेलन कर साफ कहा गया कि विरांगनाओं का अपमान कर फिल्म नहीं चलाने दी जा सकती।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय क्षत्रिय समाज के मुख्य संरक्षक जयप्रकाश सिंह, अध्यक्ष शेखर सिंह, महामंत्री शंकरबक्स सिंह एवं अन्य पदाधिकारीगण

अखिल भारतीय क्षत्रिय समाज का मानना है कि संजय लीला भंसाली द्वारा निर्मित फिल्म पद्मावती में राजपूतों के इतिहास को भ्रामक तरीके से प्रस्तुत किया गया है। मुख्य संरक्षक जयप्रकाश सिंह, अध्यक्ष शेखर सिंह एवं महासचिव शंकरबक्स सिंह ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि राजपूत राजाओं का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है। चित्तौडगढ़ की रानी पद्मावती ने अपने सतित्व की रक्षा करने के लिए हजारों महिलाओं के साथ जौहर किया था। लेकिन इतिहास के इस स्वर्णिम पृष्ठ को विस्मृत कर फिल्म में स्वार्थपूर्ति हेतु प्रसंग को तोड़-मरोड़ कर गलत तरीके से दर्शाया गया है।

उन्होंने कहा कि हमारी मूल्यवान विरासत पर प्रहार नहीं होना चाहिए। फिल्म को रिलीज होने से रोकने के लिए पूरे बंगाल में जगह-जगह प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान रामनारायण सिंह, कृष्णा सिंह, शिव शंकर सिंह, दिनेश सिंह, चन्दिका बक्श सिंह, बिजेंद्र सिंह, आर.पी. सिंह, प्रभुनाथ सिंह, रामाशंकर सिंह, अखिलेश सिंह, संतोष सिंह, दिनेश सिंह ‘मुन्ना’, बापी सिंह, सुधीर सिंह, बिलास सिंह, अनिल सिंह, अछैवर सिंह, हरिकेश सिंह ‘गुड्डन’, जे.पी. सिंह, अरुण सिंह, कालीबक्श सिंह, विनय सिंह आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत क्षत्रिय समाज के मुख्य संरक्षक अरविन्द सिंह, अध्यक्ष डॉ.राजेश सिंह, महासचिव मनोज सिंह, युवा अध्यक्ष रविन्द्र सिंह ‘दीपक’ एवं अन्य पदाधिकारीगण
वहीं भारत क्षत्रिय समाज फिल्म को रिलीज नहीं करने के लिए बंगाल के गवर्नर को ज्ञापन सौंपेगा और अगर उसके बाद भी फिल्म रिलीज होती है तो क्षत्रिय समाज सिनेमा हॉल के सामने प्रदर्शन करेगा। प्रेसवार्ता के दौरान भारत क्षत्रिय समाज के मुख्य संरक्षक अरविन्द सिंह, अध्यक्ष डॉ.राजेश सिंह, महासचिव मनोज सिंह एवं युवा अध्यक्ष रविन्द्र सिंह‘दीपक’ ने कहा कि ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ बर्दास्त नहीं किया जाएगा। पद्मावती फिल्म के जरिए राजपूतों की मर्यादा के साथ खिलवाड़ किया गया हैं। रानी पद्मावती एक वीरागंना थी नृत्यागंना नहीं।

इस दौरान भारत क्षत्रिय समाज के पदाधिकारियों के साथ राजपूत संगठनों एवं विभिन्न संस्थाओं से जुड़े तमाम अन्य लोगों रामकुबेर सिंह, राजगृह सिंह, मणिप्रसाद सिंह, मनोज प्रसाद सिंह, अरविन्द सिंह, रामायण सिंह, ज्ञान प्रकाश सिंह, राय बहादुर सिंह, श्याम मल्लिक, कृष्ण प्रताप मल्होत्रा, निर्मला मल्होत्रा, जीवनलता खन्ना, नवीन मिश्रा, दीनानाथ पाण्डेय, रितेश जयसवाल एवं अनिल सिंह चंद्रवंशी आदि ने पद्मावती फिल्म पर विरोध जताया। बाद में प्रेस क्लब के बाहर भारत क्षत्रिय समाज ने फिल्म पद्मावती के विरोध में पद्मावती का पोस्टर भी जलाया।

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