आईपीयूए ने 5 वीं पॉलीयूरेथेन एक्जीबिशन एंड कॉन्फ्रेंस इन इंडिया की घोषणा की

-प्रेमबाबू शर्मा
इंडियन पॉलीयूरेथेन एसोसिएशन (आईपीयूए) ने मार्च 8 से 10 मार्च तक इंडिया एक्सपो सेंटर, ग्रेटर नोएडा, नई दिल्ली में आयोजित किए जानेवाले पीयू टेक 2017 एग्जीबिशन एंड कॉन्फ्रेंस के 5 वें संस्करण की पेशकश की घोषणा मुकेश भुता,अध्यक्ष एक्सपैंडेड पॉलीमर सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड ने प्रेसवार्ता के दौरान की।
तीन दिवसीय पीयू टेक एक्जीबिशन में 250 से अधिक प्रदर्शनकर्ता जो मुख्य रूप से टेक्नोलॉजी और बाजारों के व्यापक विकास के लिए कच्चे माल के उत्पादकों, साजो-सामान के आपूर्तिकर्ताओं, उपभोक्ताओं और उद्योग मुहैया कराने के लिए मिलकर साधन प्रस्तुत करेंगे।

इस संस्करण का विषय है ‘फ्यूचरिस्टिक पॉलीयूरेथेन ’। जब पॉलीयूरेथेन की प्रति व्यक्ति खपत की बात आती है तो भारत को अभी भी बहुत छोटा आँका जाता है। जहाँ इन पदार्थों का इतिहास 75 वर्ष पुराना है, भारतीय उद्योग ने मात्र 40 वर्षों से इसका लाभ उठाना शुरू किया है। हालाँकि, देश का आर्थिक और सामाजिक वातावरण आज एक उज्ज्वल और भेदक भविष्य के विश्वास के साथ बेहद सकारात्मक वृद्धि के लिए तैयार है जो एक उद्यमी जनता के लिए लाभकारी रोजगार और जीविका प्रदान करता है। इस साल, भारत में और विदेशों में सभी हितधारकों इसमें शामिल हैं और अब तक का सबसे बड़ा और सबसे अच्छा आयोजन होने वाला है।

‘पॉलीयूरेथेन एक डिजाइनरों का पॉलीमर है और जहाँ तक प्रौद्योगिकीविदों के लिए विशिष्ट अंतिम उत्पादों को रासायनिक तरीके से डिजाइन और विकसित करना संभव बनाने का सवाल है, इसका कोई सानी नहीं है। पीयूटेक 2017 में हमारा उद्देश्य है उद्योग को जागरूक बनाना और पॉलीयूरेथेन के इस्तेमाल वाले अनुप्रयोगों को बढ़ाना और इस उद्योग के लिए टेक्नोलॉजी को सहज बनाना पीयूटेक इंडियन पॉलीयूरेथेन एसोसिएशन का एक प्रमुख आयोजन है जिसका मकसद है प्रधान रूप से समाज में पॉलीयूरेथेन के योगदान की समृद्ध पृष्ठभूमि की विशेषताओं को दर्शाना। इस त्रैवार्षिक कार्यक्रम दुनिया के इस हिस्से में सबसे बड़ा है, एकमात्र ऐसा आयोजन जिसका संचालन एक उद्योग के संघ द्वारा किया जाता है और इसके सृजन और क्रियान्वयन में विश्व के सभी प्रमुख व्यक्तित्व शामिल हैं। 2005 से हो रहे, पीयूटेक की अनूठी खासियत यह है कि यह भारत में उद्योग के द्वारा ही आयोजित उद्योग की प्रदर्शनी है।

इस संस्करण का विषय है ‘फ्यूचरिस्टिक पॉलीयूरेथेन ’। जब पॉलीयूरेथेन की प्रति व्यक्ति खपत की बात आती है तो भारत को अभी भी बहुत छोटा आँका जाता है। जहाँ इन पदार्थों का इतिहास 75 वर्ष पुराना है, भारतीय उद्योग ने मात्र 40 वर्षों से इसका लाभ उठाना शुरू किया है। हालाँकि, देश का आर्थिक और सामाजिक वातावरण आज एक उज्ज्वल और भेदक भविष्य के विश्वास के साथ बेहद सकारात्मक वृद्धि के लिए तैयार है जो एक उद्यमी जनता के लिए लाभकारी रोजगार और जीविका प्रदान करता है। इस साल, भारत में और विदेशों में सभी हितधारकों इसमें शामिल हैं और अब तक का सबसे बड़ा और सबसे अच्छा आयोजन होने वाला है।

भविष्य सुनहरे अवसरों के बीच अनिश्चितताओं से सजा हुआ है। पॉलीयूरेथेन चाँदी की किनारियाँ हैं। भविष्य की हमारी इमारतों को ऊर्जा के प्रति अधिक से अधिक सजग होने की आवश्यकता है। हमारी अधिक से अधिक गाड़ियों को हमें अक्षय तरीके से और कुशलता के साथ लंबी दूरी तक ले जाने की जरूरत है। हमारे अधिकतर जूतों और गद्दों में या तो बायो आधारित या अक्षय कच्चे माल का इस्तेमाल होना चाहिये।

इसके अलावा, इस कार्यक्रम को एक उद्यमी या एक प्रोसेसर या एक अच्छी तरह से स्थापित ग्राहक या यहाँ तक कि एक छात्र की जिज्ञासा का जवाब देने में सक्षम होने के लिए तैयार किया गया है। इस शो में भाग लेने के लिए प्राप्त हुई प्रतिक्रिया और पंजीकरणों ने पहले ही यह संकेत दे दिया है कि पॉलीयूरेथेन का अति-व्यापक वर्णक्रम ढेरों विचारों और समाधानों के साथ उपलब्ध होगा।

इस बार, आईपीयूए विशेष तौर पर अपने प्रयासों की एक कड़ी प्रस्तुत करेगा। वर्चुअल टेक सेंटर। अनुसंधान को इस उद्योग से जोड़ने का एक अनूठा प्रयास। संघ ने इसकी आवश्यकता को महसूस किया और यह बेबाक कदम उठाया, जिसे इस शो में प्रदर्शित किया गया है। प्रक्रियाओं, प्रवृत्तियों और स्थिरता में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के बारे में जानने के लिए तकनीकी सत्र। इंडिया इंसुलेशन फोरम (आईआईएफ) और अभी हाल ही में शुरू किया गया स्प्रे फोम अलायन्स ऑफ इंडिया (एसएफएआई)। ये दो प्रयास खाद्य श्रृंखलाओं में और भवनों में ऊर्जा के नुकसान को घटाने के उद्देश्य से इस उद्योग और इसके पदार्थों में स्फूर्ति का संचार करेंगे।

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