विश्व एड्स दिवस


-प्रेमबाबू शर्मा

विश्व एड्स दिवस के मौके पर एएचएफ (एड्सहेल्थ।केयर फाउंडेशन) इंडिया केयर्स विभिन्न् एनजीओ के सहयोग से एचआईवी एड्स जांच अभियान के आयोजन के अलावा नए एचआईवी पॉजिटिव ग्रस्त रोगियों की पहचान कर उन्हें एआरटी सेंटरों से सेवाएं हासिल करने में मदद कर है. 

एड्स हेल्थैकेयर फाउंडेशन (एएचएफ) ने अराउंड द ग्लोनब इन ए डे अभियान की घोषणा की है। इसके तहत एचआईवी और एड्स के संदर्भ में जागरूकता फैलाना है। कंबोडिया, मेक्सिको सिटी और यूनाइटेड स्टेरट्स में फ्री संगीत समारोह और अमेरिका, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, कैरिबियाई, पूर्वी यूरोप और भारत सहित एशिया में जांच कार्यक्रम चलाना इस अभियान में शामिल है।

एएचएफ एड्स हेल्थकेयर फाउंडेशन इंडिया केयर्स, के कंट्री प्रोग्राम डायरेक्टओर डॉ वी सैम प्रसाद ने कहा, ‘एचआईवी से संक्रमित होने के संभावित व्यक्तियों की पहुंच हेल्थाकेयर,सूचनाएं और एचआईवी से सुरक्षा के उपायों तक नहीं है। इनमें सुरक्षित सेक्स और महिला या पुरुष कंडोम का इस्तेएमाल कैसे किया जाए, एचआईवी काउंसलिंग और जांच तथा एचआईवी केयर तक पहुंच शामिल हैं। 

इंडिया केयर्स के ब्रांड एंबेसडर और खुले तौर पर सक्रिय समलैंगिक प्रतिभागी राजपिपला के रॉयल परिवार के प्रिंस मानवेंद्र सिंह गोविल ने कहा, ‘भले ही लोगों की पहुंच एचआईवी काउंसलिंग और जांच तक हो लेकिन वे अपने स्थानीय समुदायों और परिवारों के भय और भेदभाव के कारण इससे बचने की सोच सकते हैं। साथ ही और समलैंगिक होने संबंधी बेवजह का भय, समाज से निष्काचयित होने का जोखिम, कभी-कभार हिंसक रूप ले लेने वाली वजह या अप्रत्यथक्ष आर्थिक परिणामों और अलग-थलग या परित्यिक्तन किए जाने के भय से एचआईवी संबंधी हस्तिक्षेपों को आगे बढ़ने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।’

नत्थू सिंह, प्रोग्राम मैनेजर, ह्यूमाना पीपुल टू पीपुल ने कहा कि भारत में, एचआईवी मुख्यटतरू भारी जाखिम वाले जनसंख्यास समूहों में केंद्रिति है जो कि गैर अति जोखिम वाले समूहों के मुकाबले एचआईवी के संपर्क में ज्याादा रहते हैं। विश्वो एड्स दिवस जो कि पहले कभी विश्वा स्वाबस्थ्यं दिवस था और पहली बार 1988 में मनाया गया था। भारत में शुरुआती अति जोखिम वाले समूह में नसों से नशा लेने वाले (आईडीयू), पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाने वाले पुरष और महिला यौन कर्मी एफएसडब्यूने व) शामिल थीं। 

विश्व एड्स दिवस 2016 की गतिविधियों के साझेदार नई दिल्लीथ के उत्तंम नगर स्थित एनजीओ एसपीआईडी (सोसाइटी फॉर पार्टिसिपेटरी इंटिग्रेटेड डेवलपमेंट) के मुख्ये पदाधिकारी अवधेश यादव ने एचआईवी एड्स से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों में स्थानीय एनजीओ के प्रयासों को दोहराया। एचआईवी प्रोग्राम के तहत स्थापनीय समुदायों की एचआईवी जनसंख्या की पहचान की जाती है। उन्होंईने कहा कि “ समुदाय आधारित परीक्षण के माध्यतम से एनजीओ नए एचआईवी पॉजिटिव लोगों को सरकार के उपचार कार्यक्रम और राहत के लिए पहचानने और जोड़ने में मदद करते हैं।”

हमारे समाज में इस बीमारी को कलंक के रूप में माना जाता है, यही कारण है कि अति जोखिम वाले समूह को उपचार उपलब्धक कराना और भी कठिन है। यदि हम एचआईवी का प्रसार रोकना चाहते हैं, तो इसके लिए हमें इन समूहों में से लोगों की मदद करने के लिए नए रास्तोंर की तलाश करनी होगी। 

एएचएफ ज्योकतिष कम्युननिट केयर सेंटर पनवेल नवी मुंबई की चिकित्सक डॉ. दिव्या मित्तटल ने कहा कि हमें उनके लिए पुनर्वास और सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम सुनिश्चित करना होगा। विश्वा स्वोस्य्ास दिवस जैसे वैश्विक कार्यक्रम एचआईवी पॉजिटिव लोगों को इस कलंक और भेदभाव का सामना करने में मदद करते हैं। साथ ही समाज के व्यसवहार को बदलने के लिए जागरुकता बढ़ाने में भी मदद देते हैं।

एचपीपीआई प्रोग्राम मैनेजर, नई दिल्लीश के पॉप सिंह ने घोषणा की कि दिल्ली में आयोजन की शुरुआत 10 बजे सुबह आजादपुर मंडी से होगी। जो अतिथि इसमें हिस्साप लेंगे उनमें एपीएमसी (एमएनआई) आजादपुर, दिल्ली सरकार के डिप्टीे सेक्रेटरी श्री सतीश कुमार सिंह, (डीटीओ) बीजेआरबी चेस्टे क्लिनिक जहांगीरपुरी के डॉ बशिष्ठ , अजित यादव और लोकप्रिय पंजाबी गायक कुमार बिटृटू उर्फ केबी शामिल हैं।

जनकपुरी से विधायक श्री राजेश ऋषि ने एचआईवीध्एड्स जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाने की सहमति दी है और विकासपुरी के विधायक श्री महेंद्र यादव धन्यएवाद देंगे और सांस्कृीतिक तथा पोस्टदर प्रतिस्प र्धा के विजेताओं को पुरस्कृत करेंगे।

इस आयोजन में एलजीबीटीक्यूाआई समुदायों, स्थानीय नेताओं, समुदाय के स्व यंसेवक, स्थानीय स्वापस्य्मे सुविधा प्रदाताओं, आईसीटीसी काउंसलर्स और टीबी डॉट केंद्र भी इसे सफल बनाने के लिए हिस्साी लेंगे। रैपिड टेस्ट किट्स के इस्ते,माल के ज रिए

विश्व एड्स दिवस 2016 प्रोग्राम के हिस्सेग के तौर पर एएचएफ ने रैपिड टेस्टद किट्स के इस्तेिमाल के जरिए फ्री एचआईवी जांच की व्य्वस्थाि की है और अगर कोई पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे इलाज के लिए मौजूदा एचआईवी सेवाओं से जोड़ा जाएगा और लगातार इस बात पर नजर रखेगा कि उसे सही इलाज मिले।

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