चाय बेचने वाला देश का प्रधानमंत्री बन भारतवर्ष का नाम देश विदेश में रोशन कर रहा है

(एस. एस. डोगरा) 

भारतवर्ष , 15 अगस्त सन 1947 को लाखों शहीदों के बलिदान की बदौलत अंग्रेजों की गुलामी से आजाद होने पर जश्न मना रहा था. वहीँ आजादी के तुरंत बाद राष्ट्रपति महात्मा गाँधी एवं लौह पुरुष सरदार पटेल की राज्य भूमि में ही 17 सितम्बर 1950 को वाडनगर के महसाना जिले में एक ऐसे शख्स का जन्म हुआ जिसने अपनी विलक्षण कार्यशाली, प्रेरक व्यक्तित्व एवं उर्जाशक्ति से पुरे विश्वपटल पर भारतवर्ष का नाम रोशन कर डाला. जी हाँ आपने सही पहचाना वे हैं भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी.

इनका जन्म एक तेली परिवार में हुआ. बचपन में ही अपने पिता व बाद में अपने बड़े भाई के साथ चाय बेचते हुए जीवन संघर्ष की शुरुआत की. इस दौरान गरीबी को बहुत करीबी से देखा समझा. शायद इसी तपन में तपते रहे और कही अधिक तराशे गए. जिसे वे आज भी बड़े बड़े मंचों पर भी साझा करने में कभी नहीं हिचकते हैं.

अपनी स्कूली पढाई के दौरान वे एक औसत छात्र ही थे लेकिन बचपन से ही एक अच्छे वक्ता तथा नाटक आदि में अभिनय के प्रति विशेष रुझान रखते थे साथ एन सी सी में कैडेट के तौर पर अपने स्कूल का प्रतिनिधित्व भी किया. अपने बुलंद इरादों पर मजबूत भरोशा तथा देश से विशेष लगाव रहा और स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व से काफी प्रभावित रहे. 13 वर्ष की आयु में नरेन्द्र की सगाई जसोदा बेन चमनलाल के साथ कर दी गयी और जब उनका विवाह हुआ, वह मात्र 17 वर्ष के थे। अल्पायु में ही विवाह से खिन्नित हुए और घर छोड़ भाग गए.

स्वामी विवेकानंद के प्रति लगाव ही उन्हें कोलकाता के समीप बेलूरमठ तक भ्रमण के लिए प्रेरित कर गया और १९६७ में उन्होंने पूर्वोतर के भी कई राज्यों पश्चिम बंगाल, गोहाटी, असम होते हुए अल्मोड़ा स्थित रामकृष्णा मिशन के अनेक आश्रमों का दौरा किया.

उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये।-स्वामी विवेकानन्द जी

गुजरात वापिस आकर उन्होंने ने पत्राचार के माध्यम से दिल्ली विश्वविधालय से १९७७ में कला में स्नातक की डिग्री की. फिर १९८२ में ही गुजरात विश्वविधालय से राजनीती शास्त्र में एम.ए.किया. कालेज के समय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् में सक्रीयता रखते हुए राज्य में भी राजनैतिक पहचान बनाई . 


अप्रैल 1990 में जब केन्द्र में मिली जुली सरकारों का दौर शुरू हुआ, मोदी की मेहनत रंग लायी, जब गुजरात में 1995 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने अपने बलबूते दो तिहाई बहुमत प्राप्त कर सरकार बना ली। इसी दौरान दो राष्ट्रीय घटनायें और इस देश में घटीं। पहली घटना थी सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक की रथयात्रा जिसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष आडवाणी के प्रमुख सारथी की मूमिका में नरेन्द्र का मुख्य सहयोग रहा। इसी प्रकार कन्याकुमारी से लेकर सुदूर उत्तर में स्थित कश्मीर तक की मुरली मनोहर जोशी की दूसरी रथ यात्रा भी नरेन्द्र मोदी की ही देखरेख में आयोजित हुई।

इसके बाद शंकर सिंह वाघेला ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया, जिसके परिणामस्वरूप केशुभाई पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बना दिया गया और नरेन्द्र मोदी को दिल्ली बुला कर भाजपा में संगठन की दृष्टि से केन्द्रीय मन्त्री का दायित्व सौंपा गया।

1995 में राष्ट्रीय मन्त्री के नाते उन्हें पाँच प्रमुख राज्यों में पार्टी संगठन का काम दिया गया जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। 1998 में उन्हें पदोन्नत करके राष्ट्रीय महामन्त्री (संगठन) का उत्तरदायित्व दिया गया। इस पद पर वह अक्टूबर २००१ तक काम करते रहे। भारतीय जनता पार्टी ने अक्टूबर २००१ में केशुभाई पटेल को हटाकर गुजरात के मुख्यमन्त्री पद की कमान नरेन्द्र मोदी को सौंप दी।

राजनैतिक क्षेत्र में सबसे बड़ा मोड़ सन 2001 में आया जब वे गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री पद के लिए चुने गए. उसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री पद पर 2001 से २०१४ तक गुजरात राज्य का चहुमुखी विकास किया और अपने कार्यशैली से चर्चित मुख्यमंत्री बन गए. इसी का नतीजा था कि राज्य की जनता ने उन्हें लगातार चार बार गुजरात राज्य की बागडौर सँभालने का मौका प्रदान किया.

मुख्यमन्त्री के रूप में नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के विकास के लिये कई महत्वपूर्ण योजनाएँ प्रारम्भ कीं व उन्हें क्रियान्वित कराया जिनमें मुख्य रूप से पंचामृत योजना राज्य के एकीकृत विकास की पंचायामी योजना, सुजलाम् सुफलाम् - राज्य में जलस्रोतों का उचित व समेकित उपयोग, जिससे जल की बर्बादी को रोका जा सके, कृषि महोत्सव – उपजाऊ भूमि के लिये शोध प्रयोगशालाएँ, चिरंजीवी योजना – नवजात शिशु की मृत्युदर में कमी लाने हेतु, मातृ-वन्दन– जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य की रक्षा हेतु, बेटी बचाओ – भ्रूण-हत्या व लिंगानुपात पर अंकुश हेतु, ज्योतिग्राम योजना – प्रत्येक गाँव में बिजली पहुँचाने हेतु, कर्मयोगी अभियान – सरकारी कर्मचारियों में अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा जगाने हेतु, कन्या कलावाणी योजना – महिला साक्षरता व शिक्षा के प्रति जागरुकता, बालभोग योजना – निर्धन छात्रों को विद्यालय में दोपहर का भोजन प्रदान करने जैसी योजनाओं के अलावा

मोदी का वनबन्धु विकास कार्यक्रम

उपरोक्त विकास योजनाओं के अतिरिक्त मोदी ने आदिवासी व वनवासी क्षेत्र के विकास हेतु गुजरात राज्य में वनबन्धु विकास हेतु एक अन्य दस सूत्री कार्यक्रम भी चलाया जिसके सभी १० सूत्र निम्नवत रहे जैसे पाँच लाख परिवारों को रोजगार, उच्चतर शिक्षा की गुणवत्ता, आर्थिक विकास, स्वास्थ्य, आवास, साफ स्वच्छ पेय जल, सिंचाई, समग्र विद्युतीकरण, प्रत्येक मौसम में सड़क मार्ग की उपलब्धता और शहरी विकास।

गुजरात राज्य के सफल कार्यकाल ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता दिलाई. हालाँकि गोधरा कांड में अनेक कट्टरपंथियों की आलोचनाओं के अलावा कोर्ट कचहरी को भी झेला . परन्तु 13 सितम्बर २०१३ को हरियाणा की एक विशाल रैली के दौरान राजनाथ सिंह ने उन्हें भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए प्रसावित उम्मीदवार घोषित कर दिया. 

इसके तुरंत बाद आम चुनाव में पुरे देश ने उन्हें सर्वसम्मति से पूर्ण बहुमत से प्रधानमंत्री चुना. और फिर 26 मई 2014 का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ जब भारत के ही वर्तमान राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलायी. 

अपने पद की गरिमा का ध्यान रखते हुए उन्होंने अनेक विकासशील योजनाओं को अंजाम दिया जिनमें प्रमुख रूप से मेक इन इण्डिया, आदर्श गाँव खासी लोकप्रिय साबित हुई. इसके देश के विभिन्न प्रान्तों एवं अमेरिका, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया , कनाडा, चीन, जापान जैसे शक्तिशाली देशों सहित लगभग सत्तर विदेशी दौरे किए और भारत के अन्य देशों से व्यापारिक, सांस्क्रतिक, आपसी भाईचारे एवं मधुर संबध स्थापित करने के अलावा राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय पर भारतवर्ष का नाम रोशन किया. आल इण्डिया रेडियो पर “मन की बात” नामक कार्यक्रम ने आम आदमी तक देश के विकास एवं श्रोताओं के विचार से भारतवर्ष के कल्याण जैसी बात साझा कर करोड़ो भारतीय के दिल पर अमिट छाप छोड़ी है. 

२१ जून २०१५ को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अंतरार्ष्ट्रीय योग दिवस की स्थापना जैसे कार्य करवाना प्रतेयक भारतवासी के लिए गौरव का विषय है. उनके दो वर्ष के कार्यकाल में हिंदुस्तान की नित नई उपलब्धियां भारतवर्ष की अंतरार्ष्ट्रीय स्तर पर अनूठी पहचान बनाने में कामयाब रही. उनके कई स्लोगन “बेटी बचाओ, बेटी पढाओ , सबका साथ सबका विकास” ने पुरे देश पर काफी प्रभाव दिखने में सफल रहे. 

गत दो वर्षों के कार्यकाल में माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार द्वारा 24 महीनों में लाई गई अनेक लाभकारी योजनाओं और उनसे जनता को‍ मिलने वाले लाभ पर गौर फरमाएँ.


डिजिटल इंडिया
प्रधानमंत्री की सबसे महत्‍वाकांक्षी योजनाओं में से एक 'डिजिटल इंडिया' की शुरुआत 21 अगस्त 2014 को हुई. इस अभियान का मकसद भारत को एक इलेक्‍ट्रॉनिक अर्थव्यवस्था में बदलना है. सरकार की मंशा है कि सभी सरकारी विभाग और भारत की जनता एक दूसरे से डिजिटल रूप से या इलेक्‍ट्रॉनिक तौर पर जुड़ें ताकि प्रभावी प्रशासन चलाया जा सके.इसका एक लक्ष्य कागजी कार्रवाई कम से कम करके सभी सरकारी सेवाओं को जनता तक इलेक्‍ट्रॉनिकली पहुंचाना है.सबसे महत्‍वपूर्ण यह कि इसके तहत देश के सभी गांवों और ग्रामीण इलाकों को इंटरनेट नेटवर्क से जोड़ना है. ताकि डिजिटल भारत के तीन प्रमुख घटकों के आधार पर डिजिटल बुनियादी सुविधाएं, डिजिटल साक्षरता और सेवाओं का डिजिटल वितरण स्थापित कर सरकारी कामकाज में पारदर्शि‍ता बढ़ेगी, जिससे लाल फीताशाही का खात्‍मा होगा. इसके अलावा सरकार ई-गवर्नेंस और ई-क्रांति के जरिए तकनकी के माध्‍यम से जनता के कामकाज का जल्‍द से जल्‍द निपटारा करने में सक्षम साबित होगी.

प्रधानमंत्री जन धन योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त 2014 को ही प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरुआत की. इसकी घोषणा उन्होंने 15 अगस्त 2014 को अपने पहले स्वतंत्रता दिवस भाषण में की थी. यह एक वित्तीय समावेशन कार्यक्रम है. इस योजना के अनुसार कोई भी व्यक्ति जीरो बैलेंस के साथ बैंक खाता खोल सकता है.इस कार्यक्रम के शुरू होने के पहले दिन ही डेढ़ करोड़ बैंक खाते खोले गए थे और हर खाता धारक को 1,00,000 रुपये का दुर्घटना बीमा कवर दिया गया. इस योजना के तहत ताजा उपलब्ध आकड़ों के मुताबिक करीब 3.02 करोड़ खाते खोले गए और उनमें करीब 1,500 करोड़ रुपये जमा किए गए जो अपने आप में एक उपलब्धि है. 

स्वच्छ भारत अभियान
प्रधानमंत्री ने 24 सितंबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान को मंजूरी दी और स्वच्छ भारत अभियान को औपचारिक रुप से महात्मा गांधी जन्मोत्सव यानि 2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया.. इसके तहत 2019 तक यानी महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक पुरे भारत को स्वच्छ बनाने का लक्ष्‍य लिया गया है. इसके तहत सराकर ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों तक शौचालय और साफ-सफाई की सुविधाएं पहुंचाने का काम कर रही है. इसमें जनता में सफाई के लिए, साफ सड़कों और गलियों के लिए, अतिक्रमण हटाने के लिए जागरुकता पैदा करना भी शामिल है.

मेक इन इंडिया
मूल रूप से यह एक नारा है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया है. इसके तहत भारत में वैश्विक निवेश और विनिर्माण को आकर्षित करने की योजना बनाई गई, जिसे 25 सितंबर 2014 को लॉन्‍च किया गया. बाद में आगे चलकर यह एक इंटरनेशनल मार्केटिंग अभियान बन गया. मेक इन इंडिया अभियान इसलिए शुरू किया गया, जिससे भारत में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा हों और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिले. मेक इन इंडिया की कोशिश है कि भारत एक आत्मनिर्भर देश बने. इसका एक उद्देश्य देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अनुमति देना और घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों की हालत दुरुस्त करना भी है. मेक इन इंडिया अभियान पूरी तरह से केंद्र सरकार के अधीन है और सरकार ने ऐसे 25 सेक्टरों की पहचान की है, जिनमें ग्‍लोबल लीडर बनने की क्षमता है.

प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना
इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री ने 1 मई 2016 को यूपी के बलिया से की. उज्ज्वला योजना के तहत 3 करोड़ BPL परिवार की महिलाओं को मुफ्त रसोई गैस कनेक्‍शन दिया. प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि आने वाले में तीन वर्षों में 5 करोड़ गरीब परिवारों को जहां लकड़ी का चूल्हा जलता है, मुफ्त गैस कनेक्शन दिया जाएगा.

सांसद आदर्श ग्राम योजना
प्रधानमंत्री मोदी ने 11 अक्टूबर 2014 को सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की. इस योजना के मुताबिक, हर सांसद को साल 2019 तक तीन गांवों को विकसित करना होगा. इसके तहत भारत के गांवों को भौतिक और संस्थागत बुनियादी ढांचे के साथ पूरी तरह विकसित किया जा सके. इस योजना के लिए कुछ दिशा-निर्देश भी हैं, जिन्हें ग्रामीण विकास विभाग ने तैयार किया है.

स्वयं भी प्रधानमंत्री जी ने वाराणसी के ही जयापुर गाँव को गौद लिया और इस गाँव की कायपलट कर दी. जहाँ आज संपर्क सड़के, सौरउर्जा से पुरे गाँव को बिजली उपलब्ध कराने, सार्वजानिक पार्क, एवं शौचालय जैसी सुविधाएँ प्रदान की. इसी महत्त्वकांक्षी योजना के अधीन ही प्रधानमंत्री ने 11 अक्टूबर 2014 को इन दिशा निर्देर्शों को जारी किया और सभी सांसदों से अपील की कि वे 2016 तक अपने संसदीय क्षेत्र में एक मॉडल गांव और 2019 तक दो और गांव तैयार करें.

अटल पेंशन योजना
प्रधानमंत्री जन धन योजना की सफलता से उत्‍साहित देश की युवा पीढ़ी को ध्‍यान में रखकर तैयार की गई मोदी सरकार की यह एक और अहम योजना है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फरवरी 2015 के बजट भाषण में कहा था, 'दुखद है कि जब हमारी युवा पीढ़ी बूढ़ी होगी उसके पास भी कोई पेंशन नहीं होगी.' यह योजना इसी कमी को दूर करने के लक्ष्‍य के साथ शुरू की गई. इससे ये सुनिश्चित होगा कि किसी भी भारतीय नागरिक को बीमारी, दुर्घटना या वृद्धावस्था में अभाव की चिंता नहीं करनी पड़ेगी. राष्ट्रीय पेंशन योजना के तौर पर अटल पेंशन योजना एक जून 2015 से लागू हो गई. इस योजना का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के लोगों को पेंशन फायदों के दायरे में लाना है. इससे उन्हें हर महीने न्यूनतम भागीदारी के साथ सामाजिक सुरक्षा का लाभ उठाने की अनुमति मिलेगी.

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ
प्रधानमंत्री ने 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत से इस योजना की शुरुआत की. 100 करोड़ रुपये की शुरुआती राशि‍ के साथ यह योजना देशभर के 100 जिलों में शुरू की गई. हरियाणा में जहां बाल लिंगानुपात (सीएसआर) बेहद कम है, इस योजना का लक्ष्य लड़कियों को पढ़ाई के जरिए सामाजिक और वित्तीय तौर पर आत्मनिर्भर बनाना है. सरकार के इस नजरिए से महिलाओं की कल्याण सेवाओं के प्रति जागरुकता पैदा करने और निष्पादन क्षमता में सुधार को बढ़ावा मिलेगा.

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना
गरीबी के खिलाफ लड़ाई और बेहतर रोजगार अवसर के लिए देश के लोगों खासकर युवाओं को कुशल बनाने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई. 15 जुलाई 2015 को इसकी शुरुआत करते हुए पीएम ने कहा, 'अगर देश के लोगों की क्षमता को समुचित और बदलते समय की आवश्यकता के अनुसार कौशल का प्रशिक्षण दे कर निखारा जाता है तो भारत के पास दुनिया को 4 से 5 करोड़ कार्यबल उपलब्ध करवाने की क्षमता होगी.' सरकार इसके तहत देश के इंडस्‍ट्रियल ट्रेनिंग सेंटर्स को बढ़ावा देती है, ताकि युवाओं को स्‍किलफुल बनाया जा सके.

स्टैंड अप इंडिया स्कीम
इसकी शुरुआत 5 अप्रैल 2016 को नोएडा के सेक्टर-62 में की गई. इस योजना के लिए प्रधानमंत्री ने एक वेब पोर्टल की शुरुआत की. इस स्कीम को लेकर भारत के उद्यमी वर्ग में खासा उत्साह है. इसका उद्देश्‍य नए उद्यमियों को स्थापित करने में मदद करना है. इससे देशभर में रोजगार बढ़ेगा. योजना के अंतर्गत 10 लाख रुपये से 100 लाख रुपये तक की सीमा में ऋणों के लिए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति और महिलाओं के बीच उद्यमशीलता को प्रोत्साहन दिया जाएगा. 10 हजार करोड़ रुपये की शुरुआती धनराशि के साथ भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के माध्यम से फिर से वित्त सुविधा एवं एनसीजीटीसी के माध्यम से लोन गारंटी के लिए 5000 करोड़ रुपये के कोष का निर्माण.

सुकन्‍या समृद्धि योजना
इस योजना की शुरुआत पीएम मोदी ने 22 जनवरी 2015 को की. यह असल में 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' योजना का ही विस्‍तार है, जिसका मकसद देश में बेटियों के लिए सकारात्‍मक माहौल तैयार करना है. इसमें बेटी के नाम से बैंक खाता खोलने पर सबसे अधिक 9.2 फीसदी का ब्‍याज दर मिलता है. इससे इनकम टैक्‍स में छूट मिलती है. इस खाते की मैच्‍योरिटी खाता खोलने की तारीख से 21 साल या फिर बेटी की शादी की तारीख जो पहले आ जाए होती है. इसमें शुरुआती जमा राशि‍ 1000 रुपये है, जबकि अधि‍कतम 1.5 लाख रुपये तक जमा किया जा सकता है.

मुद्रा बैंक योजना
प्रधानमंत्री ने इस योजना की शुरुआत 8 अप्रैल 2015 को की. इसके तहत मुद्रा बैंक छोटे एंटरप्रेन्‍योर्स को 10 लाख रुपये तक का क्रेडिट देतीहै और माइक्रो फाइनेंस इंस्‍ट‍िट्यूसंश के लिए रेगुलेटरी बॉडी की तरह काम करती है. इसका उद्देश्‍य छोटे एंटरप्रेन्‍योर्स को बढ़ावा देना है. इसमें तीन विकल्‍प हैं- शि‍शु में 50 हजार तक का लोन, किशोर में 50 हजार से 5 लाख तक का लोन और तरुण में 5 लाख से 10 लाख तक का लोन दिया जाता है. 

प्रधानमंत्री जीवन ज्‍योति बीमा योजना
यह सरकार के सहयोग से चलने वाली जीवन बीमा योजना है. इसमें 18 साल से 50 साल तक के भारतीय नागरिक को 2 लाख रुपये का बीमा कवर सिर्फ 330 रुपये के सलाना प्रीमियम पर उपलब्‍ध है. इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने 9 मई 2015 को की थी.

प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
इसकी शुरुआत भी 9 मई 2015 को ही की गई थी. इसमें 18 से 70 साल की उम्र के नागरिक की दुर्घटनावश मृत्‍यु या पूर्ण विकलांगता की स्‍थि‍ति में 2 लाख का कवर दिया जाता है. आंशि‍क विकलांगता की स्थिति में 1 लाख का बीमा कवर है.

किसान विकास पत्र
यह एक सर्टिफिकेट योजना है, जो पहली बार 1988 में लॉन्‍च की गई थी. नई सरकार ने से 2014 में री-लॉन्‍च किया है. इसमें 1 हजार, 5 हजार, 10 हजार और 50 हजार की राशि‍ को 100 महीनों में दोगुना करने का प्रावधान है. इसमें किसी एक व्‍यक्‍ति‍ या ज्‍वॉइंट नाम पर भी सर्टिफिकेट जारी किया जाता है, जिसका कर्ज लेने के क्रम में इस्‍तेमाल किया जा सकता है. इसे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 18 नवंबर 2014 को लॉन्‍च किया था.

कृषि‍ बीमा योजना
इसके तहत किसान अपनी फसल का बीमा करवा सकते हैं. यदि मौमस के प्रकोप से या किसी अन्‍य कारण से फसल को नुकसान पहुंचता है तो यह योजना किसानों की मदद करती है.

प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना
मोदी सरकार खुद को किसानों की सरकार बताती रही है. इसी क्रम में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने यह सिंचाई योजना लॉन्‍च की. इसके तहत देश की सभी कृषि‍ योग्‍य भूमि को सिंचित करने का लक्ष्‍य है.

सोयल हेल्‍थ कार्ड स्‍कीम
सरकार इसके तहत किसानों को उनकी कृषि‍ भूमि की उर्वरकता के आधार पर स्‍वायल हेल्‍थ कार्ड जारी करती है. इस कार्ड में मिट्टी की जांच के बाद इस बात की जानकारी रहती है कि मिट्टी को किन उर्वरकों की जरूरत है. साथ ही इसमें कौन से फसल बेहतर हो सकते हैं. मोदी सरकार ने इसके लिए 100 करोड़ का बजट भी दिया है.

HRIDAY (नेशनल हेरिटेज सिटी डेवलपमेंट एंड ऑग्‍मेंटेशन योजना)
शहरी विकास मंत्रालय ने 21 जनवरी 2015 को इस योजना की शुरुआत की. इसका मुख्‍य उद्देश्‍य हेरिटेड सिटीज के विकास पर है. मार्च 2017 तक इस योजना के मद में 500 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. अजमेर, अमरावती, अमृतसर, बदामी, द्वारका, गया, कांचीपुरम, मथुरा, पुरी, वाराणसी, वेलंकणी और वारंगल में इसके तहत काम हो रहा है.

इंद्रधनुष
इस योजना का उद्देश्‍य बच्‍चों में रोग-प्रतिरक्षण की प्रक्रिया को तेज गति देना है. इसमें 2020 तक बच्‍चों को सात बीमारियों- डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, पोलियो, टीबी, खसरा और हेपेटाइटिस बी से लड़ने के लिए वैक्‍सनेशन की व्‍यवस्‍था की गई है. इसे 25 दिसंबर 2014 को केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री जेपी नड्डा ने लॉन्‍च किया.

दीन दयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना
भारत के गांवों को अबाध बिजली आपूर्ति लक्ष्‍य करते हुए इस योजना की शुरुआत की गई है. सरकार गांवों तक 24x7 बिजली पहुंचाने के लिए इस योजना के तहत 75 हजार 600 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है. यह योजना राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के रिप्‍लेसमेंट के तौर पर लाई गई.

दीन दयाल उपाध्‍याय ग्रामीण कौशल्‍या योजना
यह योजना ग्रामीण जगत के युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया करवाने के लिए लक्षि‍त है.25 सितंबर 2014 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और वेंकैया नायडू ने इसकी शुरुआत की.- इसके तहत 18 साल से 35 साल के ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर दिए जाएंगे.

महात्‍मा गांधी प्रवासी सुरक्षा योजना
यह योजना विदेश मंत्रालय के अधीन है. इसके तहत विदेशों में रह रहे भारतीय मजदूरों के लिए पेंशन और जीवन बीमा की व्‍यवस्‍था है. यह एक वॉलेंटियरी स्‍कीम है.

उड़ान प्रोजेक्‍ट
जम्मू एवं कश्मीर में 'उड़ान' योजना की शुरुआत विशेष उद्योग पहल के तहत 40,000 युवाओं को पांच साल में प्रमुख उच्च विकास क्षेत्रों में कौशल प्रदान करने और उनमें रोजगार क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से की गई है. राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद (एनएसडीसी) और निगमित क्षेत्र द्वारा इस योजना का क्रियान्वयन पीपीपी मोड में किया जा रहा है.

आम जन-मानस एवं भारतीय विकास एवं कल्याण में दिन-रात देश-सेवा में जुटे ऐसे प्रधानमंत्री को शत शत नमन. जिसने अपनी कर्मठ कार्यशैली, सादगी, स्पष्ट विचारधारा एवं कारगर योजनाओं से प्रत्येक भारतीय ही नहीं बल्कि अनेक राष्ट्रों के दिग्गज नेताओं एवं अधिकारीयों में खासा लोकप्रिय बनाया है. उनके जन्मदिवस पर उनके शुभचिंतकों की ईश्वर से यही प्रार्थना है कि उन्हें दीर्घायु के अलावा और अधिक उर्जा शक्ति प्रदान करे ताकि वे अपने गौरवशाली प्रधानमंत्री पद पर आसीन रहते हुए भारतवर्ष का अधिकाधिक कल्याण एवं पूरी दुनिया में नाम रोशन करने में कामयाब हो सकें.

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