घुटना नेविगेशन प्रणाली अब दिल्ली में

प्रेमबाबू शर्मा

नई अभिनव घुटना नेविगेशन प्रणाली आर्थअलाइन(पंजीकृत) को सफलतापूर्वक दिल्ली में शुरू किया गया है। यह उन्नत उपकरण एक सरल, हथेली के आकार के एकल उपयोग डिवाइस के रूप में सटीक अलाइनमेंट टेक्नोलॉजी प्रदान करता है, जो टोटल नी आर्थोप्लास्टी सर्जरी के परिणामों में सुधार लाती है।

हालिया अध्ययनों से पता चला है कि आर्थअलाइन(पंजीकृत) टेक्नोलॉजी पारंपरिक मैकेनिकल गाइड्स और पारंपरिक कैस सिस्टम की तुलना में अलाइनमेंट में सुधार करती है। इस घुटनों के अलाइनमेंट सिस्टम से टिबिआ और फीमर जैसी गंभीर विकृति के मामलों में सफलतापूर्वक मार्गनिर्देशन किया गया है।
आर्थोप्लास्टी जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार94.9ः आर्थअलाइन मरीजों का नी रिप्लेशमेंट (फीमरल कंपोनेंट) न्युट्रल कोरोनल अलाइनमेंट के 2 डिग्री के भीतर संरेखित (अलाइन्ड) था, जबकि कंप्यूटर की मदद से सर्जरी के पारंपरिक तरीके की सहायता लेनेवाले मरीजों में यह आंकड़ा 92.5 था। इसके अलावा आर्थअलाइन की मदद लेनेवालों में अंग का समग्र यांत्रिक अलाइनमेंट प्रदर्शन भी बेहतर था।
दिल्ली के डॉ राजेश मल्होत्रा- वरिष्ठ प्रोफेसर,अस्थियों और संयुक्त रिप्लेसमेंट सर्जन (ए आय आय एम एस) ने कहा,‘‘ आर्थअलाइन के साथ कंप्यूटरीकृत सहायता से सर्जन को बहुत मदद मिलती है। यह बेहतर परिणाम देने के लिए नी इम्पलांट की स्थिति और सटीक अलाइनमेंट पाने में मदद करता है। कंप्यूटराइज्ड सर्जरी में सर्जन सही कोण में हड्डी को कट कर सकते हैं और घुटनों के आसपास के नरम ऊतकों का संतुलन कर सकते हैं।’’

डॉ. राजेश मल्होत्रा ने आगे कहा, की रिप्लेसमेंट (घुटना प्रत्यारोपण) प्रक्रिया में इम्प्लांट की शेल्फ लाइफ (टिकाऊपन) इस पर निर्भर करता है कि हड्डी के साथ इम्प्लांट कितनी अच्छी तरह अलाइन्ड (संरेखित) है। कंप्यूटर की सहायता से की गई सर्जरी न केवल सटीक बल्कि सुरक्षित भी है। इसका अतिरिक्त लाभ यह है कि इसमें अस्पताल में कम समय रहना पड़ता है, कम खून जाता है, सर्जरी के बाद जटिलताओं का जोखिम कम होता है और दोबारा टीकेआर (टोटल नी रिप्लेशमेंट) की जरूरत नहीं पड़ती है। इस तरह की उन्नत व्यवस्था मरीजों के भय को दूर करने और अपने जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सर्जरी की स्वाभाविक चीर-फाड़ के लिए तैयार होने के लिए प्रोत्साहित करती है।’’

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