टीवी पर अपने आपको सुरक्षित महसूस करती हूं: अंकिता शर्मा

प्रेमबाबू शर्मा 

अंकिता शर्मा को अभिनय का शौक बचपन से था इसीलिये जब चंडीगढ में जीटीवी चैनल के धारावाहिक ‘लाजवंती’ के लिये ऑडिशन हो रहे थे तो उत्सुकता वश उन्होंने भी शो के लीड रोल के लिये ऑडिशन दे दिया और बाद में भूल गई लेकिन जब उनके पास इस शो में सलेक्शन का फोन आया तो एक बार तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ। बहरहाल वह अब इस शो की नायिका ‘लाजवंती’ हैं। उनसे इस शो को लेकर बातचीत

शुरुआत के बारे में क्या कहना चाहती हो ?
यही कि मैं पहले से ही टीवी की तरफ आकर्षित थी और वहां काम करना चाहती थी। शायद भगवान ने मेरी सुनी इसीलिये चंडीगढ में बैठकर मैंने मुंबई के लिये ऑडिशन दिया और सलेक्ट भी हो गई। यहां मैं अपने पेरेन्टस के सपोर्ट्स को नहीं भूल सकती। मम्मी और डैडी दोनों वर्क करते हैं।

आप और आपके चरित्र ‘लाजवंती’ में कितना फर्क है?
मैं और ‘लाजवंती’ के बीच काफी समानता है, मैं जितनी गुस्सा करती हॅू उतना ही ‘लाजवंती’ । इसके अलावा भी और बातें भी मेल खाती है। क्योंकि मैं ऐसी ही हूं परन्तु मुझे जब ध्यान आता है कि ‘लाजवंती’ को अपनी भूमिका के मुताबिक सीरियस रहना है तो मैं काफी कंट्रोल करती हूं कि मैं ‘लाजवंती’ की तरह रहूं। अपने रोल के लिये हावभाव को गंभीरता से कैच किया।

क्या इस फील्ड में आने का फैसला पहले से ही था?
मैं टीवी पर शो देखते हुये सोचा करती थी कि काश इस रोल में मैं होती। लेकिन मुझे पता था कि इसके लिये तो मुंबई जाना पड़ता है। मैंने इंजीनियर की हैं और कुशल भी हॅू, मगर मैं श्योर नहीं थी लेकिन जब मैं दसवीं की परीक्षा दे रही थी तो मैंने फैसला कर लिया था कि मुझे एक्टर ही बनना है। मैंने एक नये शो बिंदास के अलावा एक शार्ट फिल्म में भी काम किया। लेकिन मेारी उडान लंबी थीं। मैंने ‘लाजवंती’ ऑडिशन दिया और भूल गई। एक महीने बाद मुंबई से मुझे कॉल आया कि मुझे ‘लाजवंती’ के किरदार में सलेक्ट कर लिया गया है।

शो राजिंदर सिंह की कहानी पर आधारित है,जिसमें देश के विभाजन से पूर्व की एक प्रेम कहानी है को दिखाया कितना चैलेंजिंग लगा?
रोल तो चैलेंजिग है, क्योकि यह वर्तमान की लीक से हटकर 1947 से पहले की कहानी को रेखांकित करता है, इस किरदार के साथ मैने पूरी तरह से न्याय करने का प्रयास किया है।

शो के बारे में कुछ बताएं ?
शो ‘लाजवंती’ एक बेहद स्थिर प्रेम कहानी है। इसमें जुदाई का दर्द है,और हालात ऐसे है,जो लाजवंती के प्यार और वफा की की पवित्रता पर सवाल कर देते है।

इसकी कहानी क्या है ? 
लाजवंती उम्मीद और उत्साह से भरी गांव की एक साहसी लडकी की कहानी है,जो हर हाल में सच का साथ देती है। उसे हमेशा इस बात का भरोसा है कि चाहे कितनी भी मुशिकल घडी क्यों ना आ जाएं उसका प्यार हमेशा उसके साथ रहेगा,वह पहले तो शहर के लडके से शादी करने में झिझकती है,लेकिन धीरे धीरे वह सुदंरलाल के प्यार में दीवानी हो जाती है। जो लाहौर के एक समन्न से है। उसे ‘लाजवंती’ प्यार करती है।

आज आपको कम लोग पहचानते है, आने वाले समय में ‘लाजवंती’ किरदार ही से आपकी पहचान हो ?
मैं आपकी बात से सहमत हॅू। मैने जो काम किया था,मगर वे शो लोगों के समाने नही आएं मैं डरती थीं । मेरी दोस्त, मेरे परिवार वाले भी यही पूछते हैं। लेकिन मेरे लिये यही बेस्ट था क्योंकि अगर मैं बिंदास शो ही कर रही होती तो कोई खास बात नहीं होती लेकिन ‘लाजवंती’ जैसा रोल किया जो मेरे लिये एक चैलेंज था, मेरे लिये यही बेस्ट था।

फिल्म और टेलीवीजन में से कौन सा माध्यम पसंद हैं ?
टेलीविजन। मुझे ऐसा लगता है कि किसी नये आर्टिस्ट की पहली फिल्म फ्लॉप, तो उसे दूसरा मौका बड़ी मुश्किल से मिल पाता है लेकिन टीवी पर आप कुछ ही दिन में दर्शकों के बीच अपनी पैठ बना लेते हो। अगर आपका शो नरम गरम भी होता है तो भी आपको फौरन दूसरा शो मिल जाता है। सबसे बड़ी बात पता नहीं क्यों मैं टीवी पर काम करते हुये अपने आपको सुरक्षित महसूस करती हूं।

क्या आगे आपका रोमांटिक ट्रैक भी है ?
रोमांटिक शो ही है इसलिये फिलहाल तो कुछ अरसा यही ट्रैक चलेगा। आगे इस भूमिका में काफी वैरियेशंस दिखाई देने वाले हैं।

आपके पंसदीदा कलाकार कौन है?
सलमान खान और माधुरी दीक्षित।

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