बच्चों के दिल से जुड़ी हो फिल्में : मुकेश खन्ना

चन्द्रकांत शर्मा

करोड़ों बच्चों के दिल से जुड़े शक्तिमान यानी की मुकेश खन्ना बच्चों के लिए अब अच्छी फिल्मों का चयन भी कर सकेंगे। यहां वह अब एक नये रूप में सभी के बीच होंगे। ज्ञात हो कि उन्हें पिछले दिनों सरकार की तरफ से एक नई जिम्मेदारी दी गई है और वह जिम्मेदारी है चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी के चेयरमैन की। चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी को लेकर अक्सर यह सवाल उठते रहे हैं कि सोसायटी ने अब तक बच्चों के बड़े वर्ग को कोई ऐसी फिल्म नहीं दी जिनसे बच्चे भावनात्मक तौर पर जुड़ पाये हों, लेकिन नवनियुक्ति चेयरमैन मुकेश खन्ना कहते हैं कि यह बात सही है कि अब तक जितनी भी फिल्में बच्चों को लेकर बनी हैं उन्हें अवार्ड या फेस्टिवल को लेकर तैयार किया गया उनमें कहीं भी बालपन नजर नहीं आया और ना ही वे फिल्में थियेटर में प्रदर्शित हो पायी। होना तो यह चाहिए कि ऐसी फिल्में बने जिनमें बच्चों का सही मायने में मनोरंजन के एक संदेश भी मिले और थियेटर में प्रदर्शित हो। लेकिन मनोरंजन के बजाय महज एक संदेश देकर अवार्ड हासिल करने की कोशिशें की जा रही हैं जो गलत है।

आज जरूरत है नजरिया बदलने की, बच्चों के लिए बच्चों की ही फिल्म बनाई जाये। बच्चों की फिल्मों को एक खास कैटेगरी के लिए न बनाये। बच्चों की फिल्मों को एक खास कैटेगरी के लिए न बनाये। अब दौर ऐसा है जब बच्चों की सोच बदल गई है, पहले की अपेक्षा उनका दिमाग ज्यादा तेज चल रहा है इसलिए फिल्में बनाते समय यह ध्यान रखा जाये कि शुरू के 15 मिनट का फर्स्ट फ्रेम काफी तेज हो जिससे बच्चे फिल्म से जुड़े रहें। बच्चों के लिए फिल्में बनाना तो आसान है लेकिन रिलीज करना बेहद मुश्किल हो रहा है। यहां तक कि फिल्म का प्रमोशन भी नहीं लिया जाता। इसलिए अब निर्माताओं को अपना लक्ष्य बदलना होगा।

बता दें कि मुकेश खन्ना ने खुद भी चिल्ड्रेन फिल्म एंड टीवी कार्पोरेशन शुरू किया था चूंकि वह बच्चों को बहुत चाहते हैं इसलिए उनकी कोशिश भी यही थी कि उनके कारपोरेशन के जरिए अच्छी बाल फिल्में आये, अब चूंकि सरकार की तरफ से उन्हें नई जिम्मेदारी दी गई है इसलिए उम्मीद की जानी चाहिए कि अच्छी बाल फिल्मों को लेकर उनके प्रयास सार्थक साबित होंगे। यहां यह भी बताना जरूरी है कि आज मुकेश खन्ना के रूप में जो शक्तिमान ब्रांड लोगों के सामने हैं उसी नाम से 44 स्कूल भी शुरू हो चुके हैं और इन स्कूलों से मुकेश खन्ना का संपर्क भी लगातार बना हुआ है। सिर्फ स्कूल ही नहीं मुकेश खन्ना हर उस संस्था से जुड़े रहना चाहते हैं जो बच्चों के लिए बेहतर कर रही हो।

Labels: , , ,