पारिश्रमिक दिवस मनाना होगा...

प्रो. उर्मिला पोरवाल सेठिया 

हमसे जितना श्रम करवाते,
उतना मोल चुकाना होगा...
श्रमिक दिवस मनाने वालों,
पारिश्रमिक दिवस मनाना होगा...

काम समय पर पूरा न हो,
तो जान तुम्हारी जलती है...
ऐसा-वैसा लगेगा जुर्माना,
कैची की तरह जुबान चलती है...
चाहते काम समय पर पूरा तो,
वेतन समय पर हाथ थमाना होगा...
श्रमिक दिवस मनाने वालों,
पारिश्रमिक दिवस मनाना होगा...

खून-पसीना एक करके,
काम तुम्हारा करतें है...
भूल-चूक हो जाए तो,
भरपाई पगार से करते है...
वेतन में देरी हुई तो,
तुमकों भी ब्याज चुकाना होगा...
श्रमिक दिवस मनाने वालों,
पारिश्रमिक दिवस मनाना होगा...

तुम मालिक हो तो तुम ही इंसां हो,
तबीयत तुम्हारी ही बिगड़ती है...
हम जो कहें यहीं बात तो,
तुमको नौटंकी लगती है...
मालिक नौकर का भेद मिटाकर,
इंसानियत को अपनाना होगा...
श्रमिक दिवस मनाने वालों,
पारिश्रमिक दिवस मनाना होगा...

श्रम करते-करते उम्र गुजर जाती है,
तुम्हारे कारखानों में...
मुनाफा तुम्हारा बढ़ता जाता,
पर फर्क न आता हमारे मेहनताने में...
जब-जब रूख बदलें आमदनी का,
हम पर बोनस बरसाना होगा....
श्रमिक दिवस मनाने वालों,
पारिश्रमिक दिवस मनाना होगा...

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