सुदर्शन पार्क की अवैध फैक्ट्री में विस्फोट से ढहा मकान ,एक की मौत 8 घायल

अशोक कुमार निर्भय

पश्चिमी दिल्ली के मोती नगर सुदर्शन पार्क इलाके की अवैध स्लम भूमि पर बनी कॉलोनी में एक तीन मंजिला मकान गिरने से एक युवक की मौत हो गई जब की दो बच्चों समेत लगभग आठ लोग घायल है।मृतक युवक का नाम आनंद मिश्रा (20) था सभी घायलों का पास के आचार्य भिक्षु हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है।

यह जानलेवा दुर्घटना मकान में चल रही अवैध गैरकानूनी पाउडर कॉटिंग की फैक्ट्री में बॉयलर सिलेंडर फटने से हुई।पुलिस मामले की जांच कर रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ठेकेदार रामसहाय यह फैक्ट्री चलता है। घटना के बाद से वह भी फरार है। यह हादसा यहाँ रहने वाले लोगों की लापरवाही के कारण हुआ है क्योंकि बेहूदा अवैध निर्माण और नीव का मजबूत न होना इस हादसे का जिम्मेदार है। यह दुर्घटना एक तीन मंजिला मकान में पंखों को पेंट करने वाले पाउडर कोटिंग बॉयलर का सिलेंडर फटने से मकान भर भरा कर ढह जाने से हुई। सूचना मिलते ही तुरंत पुलिस और फायर को फोन किया गया जहाँ मौके पर पहुंची फायर और पुलिस ने स्थानीय निवासियों की मदत से मलवे में दबे लोगों को बाहर निकला और पास के आचार्य भिक्षु हॉस्पिटल में एडमिट कराया जहाँ सभी घायलों का इलाज चल रहा है प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक इस मकान में 6 परिवार किराये पर रहते थे और इसी घर में पंखे पर कॉटिंग का काम भी किया जाता था जहाँ पंखों को पेंट करने के लिए पाउडर कोटिंग बॉयलर का सिलेंडर भी रखा गया था। अमूमन यह फैक्ट्री 9 बजे के बाद शुरू होती थी किन्तु घटना वाले दिन यह सुबह 7 :30 के समय शुरू हो गयी। फैक्ट्री में काम शुरू होते ही अचानक ब्लास्ट हो गया और जिसके चलते , मकान की सभी दीवारें ढह गई और तीन मंजिला मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गया और ये दुर्घटना हुई। इस तरह की दुर्घटनाएं पहले भी कई बार दिल्ली में हुई है और इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस और फायर अक्सर लोगों में जागरूकता लाने के कई बड़े दावे कर चुकी है। यह दावे ऐसे हादसे के बाद खोखले ही दिखाई देते है। मौके पर सूचना पाकर अनेक जनप्रतिनिधि और अफसर जायजा लेने पहुंचे और अस्पताल जाकर घायलों का हालचाल जाना।

एकाएक नहीं बनी यह अवैध कॉलोनी

नई दिल्ली। निगम पार्षद चाहे कितना भी दावा करे दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। लेकिन उनके खिलाफ भी कोई सख्त कार्रवाई का भरोसा निगम पार्षद वार्ड -99 देते तो अच्छा होता जिनके इशारे पर कूड़े के ढेर पर झुग्गियां बनी और फिर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और निगम के इंजीनियरों व स्थानीय पुलिस के बीट अफसरों की मिलीभगत के पक्के निर्माण होते गए सबने वोट बैंक के चक्कर में आँखे बंद रखी। फिर प्रशासन की इन्ही बंद आँखों आखों का फायदा उठाकर तीन तीन मंजिला मकान बिना किसी नियम कायदे के बनते गए। फिर इसी तरह के मकानों में अवैध फैक्ट्रियां चलने लगी। क्या स्थानीय पुलिस को पता नहीं लगा ? मजेदार बात यह है की स्थानीय एस डी एम भी हादसे की जगह तब पहुंचे जब एक की मौत हो गयी और दस लोग जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे है। जबकि पाऊडर कोटिंग का काम प्रतिबंधित है यह पर्यावरण को नुकसान पहुचाने वाली इकाई है फिर भी इलाके में यह चलती रही निगम इंस्पेक्टरों,पुलिस,एस डी एम,स्थानीय निगम पार्षद,विधायक को इसकी जानकारी थी तो क्यों इन्होंने आंखे बंद रखी ? क्या यह लोग दोषी नहीं है ? फिर भी बेशर्मी से कहते है दोषियों को बक्शा नहीं जायेगा। अब जनता को तय करना है खासकर आप सरकार के मुखिया अरविन्द केजरीवाल को जिम्मेदार प्रशासन पर भी कड़ी कार्रवाई करे।

प्रशासन के आला अफसर और जनप्रतिनिधि भी पहुंचे घटना स्थल
इस दर्दनाक हादसे की सूचना पाकर स्वास्थ्य मंत्री दिल्ली सरकार सत्येन्द्र जैन,स्थानीय विधायक एवं संसदीय सचिव शिवचरण गोयल,पश्चिमी जिला उपायुक्त सी आर गर्ग ,फायर ब्रिगेड के डायरेक्टर ए के शर्मा,पश्चिमी जिला अतिरिक्त्त पुलिस आयुक्त पुष्पेंदर कुमार,स्थानीय थाना प्रभारी अजय कुमार,पूर्व विधायक सुभाष सचदेवा,निगम पार्षद भारत भूषण मदान,पूर्व निगम पार्षद वेद प्रकाश गुप्ता,रिलेशन ऑफ़ रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन मोतीनगर के अध्यक्ष मनोज सलूजा घटना स्थल पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया। स्वास्थ्य मंत्री दिल्ली सरकार सत्येन्द्र जैन,स्थानीय विधायक एवं संसदीय सचिव शिवचरण गोयल,पूर्व विधायक सुभाष सचदेवा,निगम पार्षद भारत भूषण मदान ने आचार्य भिक्षु अस्पताल जाकर घायलों का हालचाल जाना और डाक्टरों को सही देखभाल का निर्देश दिया।

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