दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा कवयित्री सम्मेलन का आयोजन


दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित कवयित्री सम्मेलन का आयोजन हिंदी भवन में किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष श्री मोहन भारद्वाज ने शिकरत की। जबकि अध्यक्षता हिंदी समिति की अध्यक्ष डा. नीलम गोयल
ने की। दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष व पूर्व महापौर श्री महेश चंद्र शर्मा तथा हिंदी भवन के मंत्री व सुप्रसिद्ध कवि डा. गोविन्द व्यास के सान्निध्य में आयोजित इस कार्यक्रम का कुशल संचालन सुप्रसिद्ध कवयित्री श्रीमती इन्दिरा मोहन ने किया। इस अवसर पर श्री मोहन भारद्वाज, अपार इंडिया कॉलेज के चेयरमैन श्री राजकुमार जैन एवं डा. नीलम गोयल ने एक स्मारिका का विमोचन भी किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन एवं श्रीमती मीना बढ़ेरा द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वन्दना से हुआ। तत्पश्चात आमंत्रित कवयित्रियों डॉ सरिता शर्मा, डॉ कीर्ति काले, डॉ रेखा व्यास, सुश्री अंजु जैन, श्रीमती ऋतु गोयल, श्रीमती ममता किरण, श्रीमती बलजीत कौर तन्हा, श्रीमती नीना सहर एवं सुश्री पूनम यादव आदि ने एक से बढ़कर एक गीत, गजल, कविता एवं व्यंग्य प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया।

सम्मेलन के अध्यक्ष व पूर्व महापौर महेश चंद्र शर्मा ने बताया कि हिंदुस्तान में सबसे पहला कवयित्री सम्मेलन दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन ने वर्ष 1970 में आयोजित किया था। इससे पहले केवल कवि सम्मेलन होते थे जिसमें कवयित्रियां भी भाग लेती थी। अब सम्मेलन प्रतिवर्ष कवयित्री सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। विशिष्ट अतिथि श्री मोहन भारद्वाज ने कहा कि आज समाज पर पाश्चात्य सभ्यता का प्रभाव है। उसके बाद भी दिल्ली नगर निगम में निरंतर हिन्दी का कामकाज किया रहा है।

डा. नीलम गोयल ने सम्मेलन को बधाईं देते हुए कहा कि दिल्ली नगर निगम की हिन्दी समिति का प्रयास है कि सम्पूर्ण नगर निगम में अधिक से अधिक काम हिन्दी में ही किया जाए, ताकि अंग्रेजी का ज्ञान न रखने वालों को किसी प्रकार की कठिनाईं का सामना न करना पड़ें। डा. गोविन्द व्यास ने कवयित्री सम्मेलन के निरंतर आयोजन के लिए दिल्ली हिन्दी साहित्य सम्मेलन को बधाईं प्रेषित की।

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