सिर्फ विवाहितों के लिए ही नहीं है ‘शादी के...: विद्या बालन

प्रेमबाबू शर्मा  

नो वन किल्ड जेसिका’, ‘डर्टी पिक्चर’ ‘घनचक्कर’ और ‘कहानी’ जैसी महिला प्रधान फिल्मों के साथ विद्या बालन ने अपने अभिनय को इस कदर संवार लिया है कि वह हर किरदार मेें फिट ही नहीं होतीं, हिट भी होती हैं। यह उनका जलवा ही है कि वह इस साल अलग-अलग फिल्म अवार्ड्स फंक्शन में छाई रहीं। विद्या अब अपनी अपकमिंग फिल्म ‘‘शादी के साइड इफेक्ट्स’ को लेकर चर्चा में हैं। साथ ही उनके खाते में एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ी है, उन्हें कान फिल्म फेस्टिवल में जूरी में शामिल किया गया। इन दिनों विद्या के हौसले बुलंद हैं।

टेलीविजन धारावाहिक ‘हम पांच’ से ग्लैमरस की दुनियां में कदम रखने वाली विद्या वालन ने कहा, ‘‘यह एक रिश्ते पर आधारित कामेडी कहानी बेसड  है इसलिए लोगों ने इसे पंसद किया , और अब उनकी रीलिज फिल्म ‘शादी के साइड इफेक्ट्स’ को सभी पसंद करेंगे। यह आपको हंसाएगी और आप इससे जुड़ेंगे।’‘

सबसे पहले अपनी अपकमिंग फिल्म के बारे में बताइए?
‘शादी के साइड इफेक्ट्स ’ यह एक कॉमेडी फिल्म है । साकेत चैधरी के डायरेक्शन में बनी है। इस फिल्म में अभिनेता फरहान अख्तर और मैं अभिनेता फरहान अख्तर लीड रोल में हैं। ‘घनचक्कर के बाद में ‘शादी के साइड इफेक्ट्स फिल्म में कॉमेडी कर रही है.

कैसा रहा एक्सपीरियंस ?
जी हाॅ,‘घनचक्कर’ के बाद में ‘शादी के साइड इफेक्ट्स कॉमेडी फिल्म की है। दोनों ही फिल्मों में काम करनेे का अच्छा एक्सपीरियंस रहा। फिल्म में मैं काम करके काफी खुश हूं। लेकिन मुझे डर भी है कि पता नहीं अपने दर्शकों को हंसा पाऊंगी या नहीं। लोगों को हंसाना टेढ़ी खीर है।

कहा जा रहा है कि एक फिर से ‘षादी ...’ में भी आप हॉट नजर आएंगी?
हॉट तो मैं ‘डर्टी पिक्चर’ में थी, लेकिन ‘घनचक्कर’ का केस उससे अलग है। ‘घनचक्कर’ में मैंने साड़ी को बॉय कर दिया है। ‘शादी ...’ मे मैं एक टिपिकल हाउस वाइ हूं, जिसका सपना हर महिला की तरह है कि उसका पति उसका ध्यान रखे।

आप विवाहित है, क्या ‘शादी के साइड इफेक्ट्स’ होते है?
‘शादी के साइड इफेक्ट्स’ हमेशा  नेगेटिव ही नही ,बल्कि,पोजिटव भी होते है। आप यूँ कह सकते है कि ‘शादी के साइड इफेक्ट्स’ अच्छे और बुरे दोनों ही होते है। असल में फिल्म कहानी में पति पत्नी को आपसी मतभेद भुला आपस में मिलकर रहने की बात कहीं गई है।

विवाह के बाद अक्सर पति पत्नी के बीच आपसी मतभेद होते रहते है फिर फिल्म की कहानी आम से हटकर उसमें खास क्या होगा?
फिल्म का मकसद होता है, दर्शकों का मनोरंजन करना। कहानी में दो लोगों के रोजमर्रा की जिंदगी को दिखाया है। उनके जीवन में विवाह के बाद एक बच्चे का आना और उसके पालन पोषण को लेकर तर्क वितर्क का होना को ही हास्य रूप में दिखाया।

किस वर्ग को ध्यान में रख बनी है फिल्म‘शादी के साइड इफेक्ट्स’?
शादी के साइड इफेक्ट्स’ को लेकर लोगों में भ्रंति है कि केवल किसी एक वर्ग यानि विवाहितों के लिए बनी है, जबकि फिल्म में इतना मसाला है कि हर किसी को फिल्म पसंद आएगी फिर चाहे वह किशोर हो, विवाहित हो, शादी करने जा रहे हों या बुजुर्ग दंपति ही क्यों न हों। हर आयुवर्ग के दर्शक इसका मजा लेंगे।

पिछलें दिनों फिल्म की स्क्रीनिंग रखी थी। क्या कमेंट थे लोगों के ?
हमने परिवार और करीबी दोस्तों के लिए फिल्म की स्क्रीनिंग रखी थी। सभी ने कहा कि उन्हें लगा मानो पर्दे पर उनकी जिंदगी दिखाई जा रही थी। मेरे ख्याल से फिल्म के निर्देशक साकेत चैधरी यही चाहते थे।’’

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