सामाजिक संस्था संपूर्णा का आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर


चारित्रिक व नैतिक उत्थान के बगैर आदर्श समाज की परिकल्पना साकार नहीं हो सकती। यह उदगार प्रबुद्ध शिक्षाविद एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्री राजकुमार जैन ने व्यक्त किया। वे सामाजिक संस्था संपूर्णा द्वारा जैन नगर में आयोजित आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

श्री राजकुमार जैन ने कहा कि भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति सदैव से विश्वजगत के लिए अनुकरणीय रही है। परंतु भौतिकतावादी संस्कृति के अंधानुकरण के इस दौर में मानवीय संवेदनाएं पीछे छूट गयी हैं। हमने शैक्षिक एवं आर्थिक क्षेत्र में चाहे कितना भी विकास कर लिया हो, चरित्र के मामले में हम बहुत पीछे चले गये हैं। आज जो बड़े-बड़े आपराधिक कारनामे देख-सुन रहे हैं, वह इसी चरित्रहीनता की परिणति है। हमें अविलम्ब चरित्र निर्माण पर ध्यान देना होगा। अन्यथा भविष्य में अनेक दुष्परिणामों के लिए तैयार रहना होगा।

श्री राजकुमार जैन ने कहा कि आजादी के समय नागरिकों में मौजूद राष्ट्रभक्ति, चरित्र व नैतिकता की तुलना में आज ये सब नगण्य ही हैं। राजनीति में ही नहीं, हर क्षेत्र में ऐसा हो गया है। हमें यह स्वीकार करने में जरा सी हिचक नहीं होनी चाहिए कि देश में अगर राजनीतिक भ्रष्ट्राचार है तो यहाँ सामाजिक भ्रष्ट्राचार भी व्याप्त है। देश को इस मकडजाल से बाहर निकालने की जिम्मेदारी हम सब की है। आखिरकार लोकतंत्र जनता का, जनता पर, जनता के द्वारा किया गया शासन है। अगर हम दृढ निश्चय कर ले कि हम जाति, धर्म व क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर ऐसे नेतृत्व का चुनाव करेगें जो ईमानदारी से देश के लिए काम करेगा तो अधिकांश समस्याओं का स्वतः ही निदान हो सकता है।

सामाजिक संस्था संपूर्णा द्वारा आयोजित इस शिविर के दौरान संस्थापिका डॉ.शोभा विजेंद्र एवं अध्यक्षा श्रीमती तरुणा कटारिया के मार्गदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए गए।

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