मधुरिता
आखिर मार्च का महीना आने ही वाला है ।जो बच्चों को मानसिक तनाव और भयभीत होने पर विवश करता है।
प्यारे बच्चों हम भयभीत कब होते हैं? कभी विचार किया है? खैर अभी आपके पास समय नहीं हैं इन सब बातों के लिए - कोई बात नहीं।
छोटी सी बात है कि जब हम अनुशासन में न रह कर कोई भी कर्म करते हैं तो हमारी विचार- शक्ति कमजोर होकर हमारी इच्छा-शक्ति [विल पॉवर] को कम कर देती है। जिससे हमारे भीतर विश्वास की कमी हो जाती है।अतः आवश्यकता है हमें अपने-आपको अनुशासित करने की।
अभी आपका अहम कर्तव्य पढ़ाई करना है। क्या आपने सारा सिलेबस ख़तम कर लिया है? नहीं किया है तो कोई बात नहीं, अभी भी आपके पास पूरे एक महीने बाँकी हैं। जो बीत गया उसे जाने दें, उसे याद कर अपना आज ख़राब न करें। ठीक हैं न?
अब बारी है अपने अन्तः-शक्ति एवं आत्मविश्वाश से पढ़ाई करने की।सभी सब्जेक्ट्स पर दो-दो घंटे बिना मिस करे ईमानदारी से पढाई करो, फिर देखो इच्छा-शक्ति का कमाल। तुम 90% नंबर तो ले ही आओगे।विश्वास नहीं होता तो आज से ही इस व्रत को करना शुरू करो, फिर स्वर्णिम फल का इंतजार करो।
जहाँ आशा व आत्मविश्वास दृढ़ होने लगेगा, परीक्षा का भय व तनाव छूमंतर हो जायेंगे।
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