बदहाली के शिकार हैं द्वारका के अधिकतर पार्क


लोमस झा

द्वारका उपनगर 5648 हेक्टेयर में फैला हुआ है और कुल 29 सेक्टर्स में इसे बसाया गया है जो लगभग 56.48 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। द्वारका उपनगर को बड़ी खूबसूरती के साथ बसाया गया है लेकिन इन  सेक्टर्स  में पार्कों की हालत बहुत ही दयनीय है। दिन पर दिन नए पार्कों के निर्माण का कार्य भी किया जा रहा है लेकिन उन पार्कों के रखरखाव पर गौर नहीं किया जा रहा है। इस बात की चिन्ता किसी को नहीं है। पार्कों के निर्माण से लेकर समय-समय पर उनके रखरखाव की जिम्मेदारी दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की है। आंकड़ों पर गौर करें तो, द्वारका क्षेत्र के अन्तर्गत 86 पार्कों का निर्माण किया गया है। लेकिन इनके रखरखाव का काम अभी भी भगवान भरोसे ही है।


पार्कों की इस दुर्दशा पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सेक्टर-9 में रहने वाले श्री रमन बताते हैं कि हाल के दिनों में सरकार द्वारा इन पार्कों के रखरखाव के लिए फन्ड दिए गए हैं, लेकिन वह पैसे कहाँ खर्च किए गए इसका हिसाब लेने वाला कोई नही है। रमन बताते हैं कि एमसीडी इन कामों के लिए स्थानीय ठेकेदारों को टेंडर देती है। ठेकेदार मानमाने तरीकों से पार्कों के रखरखाव का कागजी चिट्ठा फाइलों में ही समेट देते है। पार्क तो हैं लेकिन कहीं-कहीं वह कूडे़ के ढेर से लदे हैं तो, कहीं बैठने वाले कुर्सियों का ढ़ांचा भर ही बचा है। पार्कों को जगमग बनाए रखने के लिए बिजली के खम्भे तो लगे हैं लेकिन बल्ब नदारद हैं। सुविधा और सम्पन्नता के नाम आम जनता की कड़ी मेहनत के पैसे को पानी में बहाया जा रहा है।

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