Entertainment meter - Film & TV




प्रेमबाबू शर्मा


कच्छ के रेगिस्तान में पानी की महक...

इन दिनों चैनलों ने भी सास बहु मार्का की लीक से हटकर गांवों को कहानी में वहां की समस्याओं को  उठाने का बीडा उठाने का जो सार्थक प्रयास किया जा रहा है, उससे चैनलो अपनी गांवों में भी पैठ बना ली है , स्टार प्लस ने धारावाहिक  गुलाल के द्वारा कच्छ गुजरात में जल की समस्या के बीच पनपती एक प्रेम कहानी को पर्दे पर उतारा है।

 कच्छ का गांव तालसारा के पंच द्वारा लगातार सरकार से जल मुहैया कराने के प्रयास जब असफल होता है, तो बंसत अपने गांव के लोगों का सपना पूरा करने के एक ऐसे आदमी की खोज में निकलता है जिसे सूखे में पानी खोज में महारथ ह, लेकिन उसे कभी देख नही है। मरूभूमि में कई दिनों के प्रयास के बाद में बंसत उस आदमी को तो खोजने में सफल रहता है लेकिन  वह भी मंजिल से आने से पूर्व ही दम तोड देता है, किन्तु  मरने से पूर्व मे वह बंसत कहता है कि एक लडकी गुलाल भी इस फन में माहिर है। जो अक्सर उसके सपने में आती है

आखिरकार बंसत को अपने काम में सफलता तो मिल जाती है,लेकिन उस लडकी के गांव राशिपुर से तालसारा के लोगों को उनको परहेज है।  गुलाल इसी तरह के पानी की खोज करती हुई तालसारा जाती है,फिर धीरे धीर कहानी कई रोचकीय

 मोडो के साथ आगे बढती है।

स्टार इंडिया के वाईस प्रेजिडेंट मार्किटिंग 
अनुपम वासुदेव ने इस नये धरावाहिक के बारे में बताया कि गुलाल ण्क ताजगी भरा हवा का झोंका है जो युवाओं का प्रतिनिधित्व करता है। हम उम्मीद है कि गुलाल अपनी नयी सोच,नये विचार, तमाम अने कारणो से लोगों की पंसद बनेगा। संजोय वाधवा निर्मित सिद्वार्थ सेनगुप्ता निर्देशित गुलाल की कहानी को लिखा है प्रकाश कापडिया ने इससे पूर्व में ब्लाक, सावांरिया, और देवदास जैसी असफल फिल्में दे चुके है।

अनेको फिल्मों में अपने संगीत के जलवे दिखाने वाले मशहूर संगीतकार इस्माइल दरबार ने इस धारावाहिक का थीम गीत को स्वर दिया है । रही बात कलाकारों की तो अभिनेत्री मानसी पारेख की लंबे अंतराल के बाद में इस धारावाहिक से वापसी हो रही है, जबकि इससे पूर्व में 9 एक्स, सब टीवी सहित कई चैनलों के धारावाहिकों में अपना रंग जमा चुकी है। अन्य किरदारों में हातिम ताई फेम राहिल अजिम, सुशांत सिंह, मनोज जोशी, पंकज त्रिपाठी, शक्ति सिंह, रागिनी शाह, नेहा कौल और आर्व चैधरी भी है। 




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पहला टेली धारावाहिक है : चुनौती तो होंगी  -  निर्देशक हैरी बावेजा     
 हेरी बावेजा 
 लुधियाना, ( पंजाब)  में जन्मे निर्माता  निर्देशक हैरी बावेजा इन दिनों काफी व्यस्त हैं,  मगर इस बार उनकी व्यस्तता छोटे परदे के लिए है। दिलवाले (१९९४) से लेकर लव स्टोरी 2050 (२००८)  तक उन्होंने दर्जनों फिल्मों का निर्माण किया है और हिंदी सिने जगत में अपनी अच्छी खासी उपस्थिति दर्ज करवायी है।  हैरी बावेजा ने टीवी के चर्चित कलाकार शब्बीर आहलूवालिया के साथ मिलकर इस सशक्त धारावाहिक का निर्माण किया है। पश्चिमी बंगाल के एक गांव की पृष्ठभूमि पर आधारित इस धारावाहिक की खासी चर्चा है। हैरी बावेजा इसे बड़ी जिम्मेदारी मानते हैं। पंजाब दा पुत्तर हैरी बावेजा से की खास बातचीत...
 
गंगा की धीज के निर्माण की योजना कैसे बनी और आपने इसके प्रसारण के लिए सहारा वन चैनल को क्यों चुना ?
सहारा वन चैनल के बारे में मैंने बहुत कुछ जाना है। वो हमेशा धारावाहिक के निर्माताओं को खूब प्रोत्साहित करते हैं। जोरदार पब्लिसिटीए पैकेजिंगए परफेक्ट मार्केटिंग इस चैनल की पहचान है। जहां तक शो की बात हैए तो उसमें कबीर बेदीए अश्विनी कल्सेकरए लीना जुमानीए मोहित रैना और सौरभ पाण्डेय जैसे टीवी के चर्चित चेहरे हैं। कबीर बेदी इस धारावाहिक से छोटे पर्दे पर वापसी कर रहे हैं। गंगा की धीज कहानी में दिखाया गया है कि बंगाल के एक गांव में जब कोई लड़की बड़ी होती हैए तो उसे अपनी पवित्रता साबित करनी होती है। मैं खास तौर पर उल्लेख करना चाहूंगा कि इसमें हर किरदार की भूमिका पावरफुल है। इसकी कहानी पर खासी मेहनत की गई है।

यह आपका पहला टेली धारावाहिक हैए चुनौती तो होंगी ?
चुनौतियां तो बहुत हैं। मैं गंगा की धीज को अपने जीवन का सबसे कठिन अनुभव मानता हूं। शो का निर्माण मेरे लिए काफी चुनौतीपूर्ण है। एक सशक्त कहानी को अलग तरह से प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी हम पर है। हमारी कम्पनी फ्लाइंग टर्टल्स फिल्म्स ने इस धारावाहिक पर खूब मेहनत की है।

गंगा की धीज में ऎसी क्या खासियत है ?
सबसे पहले इसकी तीन अलग.अलग खूबसूरत लोकेशनों पर शूटिंग की गई है। पटकथा महेश पाण्डये ने लिखी हैए जो आला दर्जे की है। निर्देशन अनिल वीण् कुमार ने किया है। वो टेलीविजन से काफी लम्बे अरसे से जुडे हैं। तकनीकी गुणवत्ता भी इस धारावाहिक की विशेषता है।

टीवी की ओर रूख करने के बारे में क्या कहेगें ?
आज वक्त की पाबंदी और सिनेमाघरों खासकर मल्टीपलैक्स  थिएटरों में टिकट की कीमत के कारण कई दर्शक थिएटर नहीं जा पाते। हमने सोचा कि गंगा की धीज जैसी एक अच्छी कहानी है कहने कोए क्यों न टीवी पर आया जाए। मैंने और शब्ब्वीर  आहलूवालिया ने मिलकर तैयार कर ली गंगा की धीज को बनाने की रूप रेखा। धारावाहिक देखने के बाद दर्शकों को खुद पता चल जाएगा कि हमारा यह प्रयास कितना अच्छा है। 

इन दिनों रिएलिटी शोज का जोर है आप उनसे प्रभावित नहीं हुए ?
यह सही है कि रिएलिटी की तरफ टीवी जा रहा है। इसे हम प्रगति कह सकते हैं, पर हमारी सोच कुछ और है। हमारा यह पहला प्रयास है और हमें लगा कि जो कुछ हम बनाएं उसकी कहानी,  निर्देशन और तकनीकी गुणवत्ता अच्छी हो। हम अपने शो के जरिए सभी वर्ग के दर्शकों को खुश करना चाहते हैं। इसके प्रोमोज देखकर लगेगा कि गंगा की धीज टेलीविजन जगत का एक सशक्त शो होगा।

क्या भविष्य में पंजाबी फिल्म की योजना है ?
 यदि कोई अच्छा सबजेक्ट मिलेगाए तो एक बार जरूर प्रयास करेगें। पंजाबी सिनेमा का अपना एक अलग स्थान है . 

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