दिवाली किस प्रकार से मनाते है टीवी स्टार जानते है उनकी ही जुबानी


प्रेमबाबू शर्मा 

पूजा गौर:  (प्रतिज्ञा धारावाहिक की प्रतिज्ञा)
 मेरी तो हर दिवाली मस्तीवाली दिवाली रही है.....मुझे याद है, कि मेरा पूरा परिवार इस पर्व को मेरी नानी के घर मनाने के लिए जाता था। चूंकि अब मै मुंबई में हूँ  अब दिवाली का रंग यही जमेंगा। मैने तो अतिश भी खरीद कर रख ली है..... अगर समय मिला  तो अहमदाबाद जाकर पूरे परिवार के साथ में दिवाली सेलिबे्रट करूंगी।

मेघना मलिकः न आना इस देष मे लाडो की अम्माजी
दिवाली का त्यौहार मेरे लिए जीवन की मिठास है, पूरे शहर को जगमगाहट देखना मुझे बेहद पंसद है। यह त्यौहार हम सभी के लिए नयी उर्जा लेकर आता है और हमे हमारे परिवार के साथ रहने के लिए एक नया कारण देता है। वैसे तो इस त्यौहार के लिए कुछ खास तय्यारी  नही की है अगर शूटिंग  से समय मिला तो अपने परिवार से मिलने जरूर जाऊंगी। घर के चारों  ओर लगाये दियों  को बहुत मिस करूंगी। लेकिन मेरे लिए भगवान एक है और उस के लिए मैं यह त्यौहार मनाती हूँ । अपने घर में अपने दोस्तों का बुलाकर इस त्यौहार को मनाउगी।

निखिल सिन्हाः निर्देषक बाबा ऐसा वर ...
मेरा रिश्ता लखनऊ से है लेकिन दस साल पुर्व में वहां से मुंबई  में आ गया था। लेकिन धारावाहिकों की व्यस्तता के चलते त्यौहारों का भी पता नही चलता....लेकिन इस बार दिवाली मेरे लिए खास है कि क्योंकि इमेजिग पर बतौर निर्माता निर्देषक पहली बार मेरा शो बाबा ऐसा वर.... शुरू हुआ  और उसे दर्षको ने पंसद भी किया। इस बार मेरी पूरी कोशिश  रहेगी कि मैं दिवाली अपने परिवार के साथ मनाऊं।


 महेष गहलौत: 
विभिन्न चैनलो पर जागों ग्राहक विज्ञापन के अलावा करीबन डेढ सौ से  ऊपर धारावाहिको  में अपने अभिनय के रंग बिखेर चुके महेष का रिश्ता  जयपुर से है और अब दिल्ली उनकी गृहनगरी है वे कहते है कि दिवाली मेरे लिए बेहद ख़ुशी  का त्यौहार है यह त्यौहार मुझे बहुत सारी उर्जा देता है। इस बारे में मैं मन बना चुका हूँ  कि मैं आतिषबाजी में पैसे व्यर्थ करने की अपेक्षा गरीब बच्चों को  कपडे खरीद कर वितरित करूंगा।


टीना दत्ताः उतरन की इच्छा
दिवाली मेरे लिए एक मस्ती और खुशियों  का प्रतीक है ...हर दिवाली मेरे लिए खास रही है। जब मैं छोटी थी जब मुझे टयूषन के लिए जाना पडता था। लेकिन एक दिवाली पर मैं टयूषन पर ना जाकर अपनी सहेली के घर चली गयी... फिर क्या था..... पापा की डांट... बाप रे बाप । लेकिन इस बार कि  दिवाली मे लिए खास और इन्टरनेषनल है, क्योंकि इस बार मैं दिवाली अपने परिवार के साथ यूएस में मना रही हूँ । जब मैं छोटी थी जब कलकता रहती थी वहां दिवाली का अपना अलग ही आनंद था ... हमारा पूरा परिवार  शाम  को काली की पूजा करके मिठाई और आतिषबाजी का आनंद लेते थे।   
श्रुति उल्फत: रानो की सास सुसुराल गैंदा फूल
दिवाली एक बहुत ही खूबसूरत त्यौहार है....यह पर्व अपने साथ में इतने रंग लेकर आता है। कि कोई भी इससे दूर नही रह सकता है। बल्कि, दिवाली के ही रंग में रंग जाता है। इस मौके पर मैं अपने घर को सजाती हूँ  और रंगोली बनाती हूँ  जो मुझे बहुत ही प्रिय है । एक समय था जब मैं आतिषबाजी का आनंद लिया करती थी, किन्तु बदलती परिस्थितियों के चलते अब मैं पटाखें चलाने से डरती हूँ  ......कारण, उससे फैलता प्रदूषण । जो हमारे जीवन के लिए घातक है।  मैं त्यौहारी पर मिठाई और नमकीन पकवान जरूर बनाती हूँ , जो मुझे बहुत प्रिय है। चूंकि मेरा संबध देहरादून से है, इस बार सोच रही हूँ ,वहां जाकर अपने परिवार के साथ त्यौहार का आंनद लूं....... लेकिन इन दिनों सीरियल की शूटिंग की व्यस्तता के चलते..... लगता  है कि इस बार भी दिवाली  मुंबई  में ही मनाने पडेगी।

अष्फाक खान आजादः सहारावन माता की चैकी के नारकासुर
मेरे लिए दिवाली एक सकारात्मकता का त्यौहार है ... हर दिवाली पर मैं गरीब बच्चों में मिठाई और पटाखे वितरित करने जाता हूँ ....उसका जो सुगून मिलता है उसका वर्णन नही कर सकता....। शाम को अपने मित्रों के घर जाकर पूजन में शामिल होता हूँ ... क्योंकि प्रत्येक त्यौहार विविधता में एकता के प्रतीक होते है


प्रत्युषा बैनर्जी: बालिका वधु की आंनदी
हर साल मैं दिवाली पर एक अलग पूजा घर बनाती हूँ , और उसमें देवी काली, लक्ष्मी जी और गणेषजी की मूर्तियां स्थापित करती हूँ .....। इस बार मुझे ख़ुशी  है कि मेरे माता पिता भी मेरे साथं दिवाली मनाने जमषेदपुर से मुंबई  आ रहे है। वैसे तो बालिका वधु के सेट पर भी दिवाली को त्यौहार मनाया जा रहा है....।  मैं बचपन में काफी चंचल थी इसी कारण आतिषबाजी के गलत प्रयोग से मेरा पांव जल गया था ....इसलिए अब पटाखो से थोडा सा डर लगता है।


माही विजः लागी तुझ से लगन की नकुषा
 दिवाली मेरा प्रिय त्यौहार है क्योंकि  इस त्यौहार में मिठाईयों के डिब्बे के साथ साथ पूरे परिवार और दोस्तों को एक साथ आने का मौका मिलता है ... खूब सारी मस्ती, गप्पे ....और फिर खूब सारी मिठाईयां खाने को मिलती हैं। दिवाली तो बंपर है.... इस दिवाली पर मैं एक कार अपनी माँ को उपहार में देने वाली हूँ .... लेकिन..... यह तो सिक्रेट है।



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